उत्तराखण्ड में पर्यावरण के संरक्षण के लिए वर्ष 2002 में अन्तर्राष्ट्रीय पर्वतीय वर्ष पर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और दिल्ली विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग ने एक विशेष परियोजना तैयार की गई है. कनाडा के विशेषज्ञों की मदद से तैयार की गई थह परियोजना विशेषरूप से पर्वतीय क्षेत्रों में आए वदलाव और उसके कारणों को ध्यान में रखकर बनाई गई. इस योजना से न केवल प्राकृतिक धरोहरों को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं पर भी रोक लगाई जा सकेगी. दिल्ली विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग ने 1998 में यह परियोजना शुरू की थी.
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