भरतु की ब्वारी निकाय चुनाव की फुल्ल तैयारियों में थी !! इसके लिए बाकायदा वो दो बार सुंदरता सेंटर ( ब्यूटी पार्लर) भी होकर आ गयी थी ताकि गजब के आकर्षण वाली महिला नेत्री लग पाये ।
उसे नए रूप में देखकर भरतु भी हंसते हुए बोल पड़ा--- अली लो... अध्धा वोट त त्येरी नरंगी सी दाणी मुखड़ी देखी ते ही पड़ी जाला !!! क्या दन्न लगदी तू !!
ये सुनकर भरतु की ब्वारी बोली-- अरे अब त बाल बच्चादार छुं मि..... जब मैं श्रीनगर कॉलेज में पढ़ती थी न .... तो दोस्त लोग मुझे..... एप्पल ब्यूटी ... एप्पपल ब्यूटी कहकर बुलाते थे.... हर्षिल के सेब जैसी ब्यूटिफुलता थी मुझ में 😆😆!!!!!
कहाँ ?कब? क्या? बोलना है इसके लिए उसको एक पुराने घिसे पिटे नेता ने भली भांति पट्टी पढा ली थी !! गरीबों को देखकर , चेहरे पर कैसे भाव लाने हैं व उनको कैसे पुचकारना है ? जाति बिरादरी वालों के कान में कैसे मन्त्र फूंकने हैं ? युवाओं को कैसे जोश दिलाना है?? ये सारा पट्टी पहाड़ा वो सीख चुकी थी ।।
कल ही क्षेत्र की एक शादी में शामिल होने गयी तो , डीजे पर लगे जागर पॉप को सुनकर , गाँव की सरूली की सास पर देवता अवतरित हो गया , उसकी देखा देखी में भरतु की ब्वारी पर भी देवता अवतरित होने लगा ...!!! वो एक तरफ से सबको भेंटने लगी ... !!! वही बगल पर खड़ी ,उसकी चुनाव की प्रतिद्वंद्वी धरमु की ब्वारी भी खड़ी थी ... उसे देखते ही विकराल हो गयी ... बाल फिंकार कर , उसकी तरफ देखकर फुंकारने लगी .... बोली- खबरदार... सम्भल जा ... रुक जा.... थम जा... और फिर एक ह्वव्वव्वईईई की ध्वनि निकालकर उसके बाल झंझोड़ने लगी !!!!
धरमु की ब्वारी भी विशुद्ध पहाड़ी महिला थी.... हाथ ही जोड़ती रही ... बोली रजा मराज , गलती माफ कर दे !! इसी कसमक्स के बीच ,भरतु की ब्वारी जब झिंझोड़ती जा रही थी तो अचानक , धरमु की ब्वारी का चुनाव के लिए स्पेशली देहरादून से मंगाया हुआ बाजू फटा नए फैशन का सूट , बाजू से हल्का सा फट गया ।।। अब सिलेंडर फट जाय तो चल जाएगा पर किसी महिला का नया सूट फट गया तो समझो बबाल तय है ।।।
धरमु की ब्वारी ने भी आव देखा न ताव .... उस पर भी देवी अवतरित हो गयी और उसने भरतु की ब्वारी का भी बाजू फटा सूट की बाजू फाड़ने के लिए कसकर पकड़ लिया ।।।। दोनो देवताओं में गुथम गुत्था होने लगी ।।। दोनो महिला प्रत्याशियों के देवी रूप एक दूसरे पर आक्रमण करने लगे ।।। डीजे वाला भी बड़ा चकडेत था ... उसने ... नौ बेणी आछरी वाले जागर की ध्वनि तेज कर दी ।।। बराती से लेकर घराती दोनो हाथ जोड़कर उन दो अवतरित देवियों का युद्ध देखने लगे !!!
घर का गार्जिन, सन्ध्या में बैठे सिम्वाल जी को बुलाने दौड़ पड़ा , सिम्वाल जी ने अभी सिर्फ दो ही आचमन किये थे , तीसरा आचमन का सिप ले कर प्रसाद रूपी कुखडी उनकी मुँह में समाहित ही हो रही थी कि अचानक इस घटना से ,आचमन छोड़कर घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े ।।।
बड़ी मुश्किल से पण्डित सिम्वाल जी ने अपने मन्त्रों और ताड़े मारकर दोनों देवियो को काबू किया !!! सिम्वाल जी के बारे में कहावत भी है कि-- सिम्वाल जी के ताडों और .... पलटन बाजार के मजबूत नाडों का कोई तोड़ नही है !!!!
जब दोनों शांत हो गयी तो सबसे पहले अपने अपने गहने पाते, व सूट साट चेक करने लगे ।।। तब अंत में सिम्वाल जी ने बताया कि-- नवरात्रों के बाद आजकल बयाल चलती है , जिससे दोनों पर उसका ही असर हुआ है ।।। फिर हंसते हुए बोले घबराने वाली बात नही है -- अब तो चुनाव में डेली बकरे और मुर्गों की ही बलि देनी है , चुनाव खत्म होते ही बयाल भी उतर जाएगी ।।। और पुनः चकडेत डीजे वाले ने .... पॉप जागर सांग घुरका दिया !!! सिम्वाल जी भी वापस आचमन की सिप लेने चले गए ।।। माहौल पुनः शादिनुमा हो गया !!! नवल खाली!!!
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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