एक तो घनघोर बेरोजगारी के बादल छाए थे , ऊपर से घन्नूसिंग को घनघोर मोहब्त भी हो गयी थी !!! अब घनघोर बेरोजगारी की घनघोर मोहब्त का क्या अंजाम होने जा रहा था पढ़िए---
घन्नू सिंह भी अपने जमाने में सभी की तरह ऑन एन एवरेज स्टूडेंट था !!! अरे ..वही स्टूडेंट्स जो अपने दोस्तों की देखा देखी में ही सब्जेक्ट च्यूज करता है , उन्ही की सोहबत में कभी कभार दो चार सुट्टे भी मार लेता है , कभी घर से थोड़े बहुत रुपये भी अंटी कर लेता है !!! मतलब कि इंटरमीडिएट तक उसे पता ही नही चलता कि जिंदगी में आगे चलकर क्या क्या करते हैं ?? उसका सिंपल सा सोचना था कि बड़े होकर शादी करनी है , फिर बच्चे , फिर मकान , फिर गाड़ी , फिर आराम से जिंदगी कटती रहेगी !!! पर शादी से पहले के पड़ाव के बारे में हमेशा ही कंफ्युजाता रहा ... इंटरमीडिएट के बाद किसी ने कहा कि बी.ए. करेगा तो समूह ग में बाबू बन जायेगा ,बी.एड.करेगा तो मास्टर बन जायेगा , बी.कॉम करेगा तो एकाउंटेंट बन जायेगा , बी.एस. सी. करेगा तो डॉक्टर या इंजीनियर टाइप कुछ बन जायेगा !!!!
घन्नू सिंह इस पृथ्वी पर आया भी ऐसी सदी में जब घनघोर बेरोजगारी का देशकाल व वातावरण था !!! कम्पटीशन इतना था कि घन्नू टेस्ट देते देते घनचक्कर बन गया था !!! जितने रुपये उसने प्रतियोगी परीक्षाओं में खर्च किये थे , उतने पैंसे पोस्ट ऑफिस में जमा करता रहता तो ,आज उसी के ब्याज से पेट भरने लायक पैंसे आ जाते !!! बेचारे के तो न कोई मौसा सचिवालय में थे , न कोई जीजाजी विधानसभा में जो जुगाड़बाजी से लगवा देते !!!
अब उम्र के ऐसे पड़ाव पर था कि न तो नौकरी मिल रही थी , न कोई धन्दा !!! हालाँकि चूसने वाली कई नौकरियां थी ..जो इंशानो की मेहनत चूस चूस कर अपने छत्ते में शहद जमा करती थी !!!! जहाँ दिन के 14 घण्टे काम करो और तनखा थूक लगाकर 5 हजार !!!! अब भला 5 हजार में आजकल होता क्या है ??
घन्नू सिंघ के पास ले देकर अब टाइमपास करने का एक ही माध्यम था ... मोबाइल फोन !!! जिस पर सरकार ने धड़ाधड़ स्कीम देकर मात्र 199 रुपये में महीने भर का जुगाड़ फिट करवा दिया था !!! छोटी वाली फिलिम देखनी हो या बड़े बड़े बड़बोले ,सब यहीं मौजूद थे !!! इन्ही सब चीजों की वजह से घन्नू सिंह को जिंदगी में तनिक आनन्द आता था !!! Bygod अगर घन्नू सिंह के साथ ये बेरोजगारी नब्बे के दशक में होती न तो बेचारा क्या करता ?? सोचकर ही डर लगता है !!!
घनघोर बेरोजगारी में मोबाइल ही एक ऐसा सहारा होता है जो बेरोजगार के सुख दुःख का साथी होता है !!!
वरना इन्शान तो मशीनों जैसे हो गए हैं ...सीधे मुंह बात करने के लिए कोई तैयार नही होता ... वो तो कस्टमर केयर वाली लड़कियों के मुँह से घन्नू को .. सर ...सर... सुनकर थोड़ा अपने इन्शान होने का भान होता था !!!
दिल खोलकर करें बातें---..... मोबाइल वाली लड़की से कई बार घन्नू ह्रदय स्पर्शी वार्तालाप कर चुका था !!! चरित्र का पक्का टार्जन था ... लड़कियों से कभी भी बत्तमीजी बातें नही करता था !!! मोबाइल पर दिल खोलकर करें बातें ...वाली लड़कियों से भी पूछता रहता कि ...जहाँ आप काम करते हो तनखा कितनी मिलती है ?? घर मे कौन कौन हैं ?? और सरकारों को बेरोजगारी पर कोसते हुए ही बातें करता था !!!
अचानक एक दिन फेसबुक पर एक लड़की एंजिल प्रिया का प्रिय सन्देश प्राप्त हुआ ..... Hii ...!!!
उसने भी तुरन्त रिप्लाई किया .... अरे एंजिल प्रिया ...मेरे भाई ...दुबारा मेसेज मत करना by !!! इतना बेवकूफ भी नही था घन्नू कि फेसबूक वाली फर्जी लड़की के चक्कर मे फंस जाता ...!!!!
पर घनघोर बेरोजगारी में डूबे घन्नू को एक दिन टाटासूमो में बैठी एक लड़की से पहली ही नजर में घनघोर मोहब्त हो गयी !!!! लड़की भी नजरें मिलाने चुराने लगी ...जिससे घँनु को अपने प्यार का बटन दबता हुआ लगा ..मतलब कि प्यार की मुहर टाइप लगने का भान हुआ !!!
फिर हिम्मत करके ... पुराने सुने सुनाए फंडे अपनाने लगा ...!!! लड़की को टाइम पूछा ...!!! लड़की ने घँनु के हाथ मे रखे मोबाइल की तरफ देखा ...तो सकपकाकर बोला ... इसकी टाइम की सेटिंग खराब है जी!!!
और जो पीछे से ...सुरीली आवाज में घँनु ने... जी.... लगाया ....उस ..जी...ने लड़की का जी...चुरा लिया !!!! मुस्कराकर बोली .... साडे दो .....घनु बोला ...ढाई न ??
बस इसी ढाई बजे ने ढाई आखर प्रेम के लिख दिए !!! कुछ देर बाद दोनो ऐसे बातचीत करने लगे ...जैसे सदियों से एक दूसरे को जानते हों !!! आस पास की सवारियों को भी बड़ा आश्चर्य होने लगा !!! टाटा सूमो के अंतिम पड़ाव पर दोनो सीटों की सिंगल सीट बन चुकी थी !!! दोनो ऐसे बैठे थे ....जैसे कई लौण्डों को आपने नई नई शादी के टाइम देखा होगा कि ब्योली दुल्हन के कंधे पर कसकर हाथ रखकर ऐसे रखते हैं कि जैसे भाग जाएगी !!!
घँनु की मोहब्त का अंतिम पड़ाव पढ़िए नेक्स्ट एपिसोड में क्रमशः--- जारी--- नवल खाली
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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