देहरादून राजावाला में भरतु की ब्वारी की आजकल एक नई पड़ोसन आ गयी हैं !! उन्होंने भी आजकल ही राजावाला में मकान लिया है !!! पड़ोसन एक मधुर गढ़वाली टोन वाली महिला हैं जो हिन्दी भी च्विंगम चबाने वाले अंदाज में बोलती है !!! ..भरतु की ब्वारी को उसके बोलने का अंदाज...चलने का अन्दाज...उसकी हर अदा... बेहद पसंद है !!! अब भरतु की ब्वारी उसकी खूब सिखासौर (देखादेखी) करती है !!! महिला एक एन. जी.ओ.चलाती हैं !!! और उसके पति एक मंत्री जी के पीआरओ टाइप है !!! उत्तराखण्ड में 100 में से 95 एन. जी.ओ.सरकारी अफसरों/सचिवों की ब्वारियो (बीबियों) के चलते हैं !! क्योंकि इनके लिए प्लानिंग के फूल अफसरों के दिमागों में फूलते और फलते हैं !!! उत्तराखण्ड के लिए क्या हितकारी होगा , ये गैर उत्तराखण्डी अफसर अच्छी तरह जानते है ?? !!! हमारे उत्तराखण्ड के नेता ज्यादातर पहाड़ी हैं ...जीन में उनके पहाडिपन है ...बेहद सीधे हैं बेचारे.....!!! बेहद प्रेम है सभी को उत्तराखण्ड से ..... !!!! सैकड़ो घोटाले हो गए 17 सालों में पर ...चुपचाप लाटे की तरह देखते रहे...?? करते भी तो क्या ?? क्योंकि एक पार्टी पंचामृत से और दूसरी पार्टी गंगाजल से धुली हुई थी !!!
अब भरतु की ब्वारी भी n.g.o वाली मैडम से खूब घुलने मिलने लगी !!! धीरे धीरे मैडम ने भरतु की ब्वारी को भी अपनी ही संस्था में नौकरी दे दी !!
उधर गाँवो में ज्यादातर परिवार गाँव छोड़कर , नजदीकी कस्बो में सेटल हो रहे हैं ,गाँव मे सिर्फ वो लोग रह गए हैं जिनकी गुंजाइश हाल फिलहाल बहार रूम लेने की नही है !!! कस्बो का रूप भी दिन ब दिन बढ़ रहा है ...नदी के किनारे और गाड़ ,गदेरों के ऊपर..पिल्लरों के सहारे ...बहुमंजिला मकानों के ढेर खड़े हो रहे हैं !! बिना नीव के इन मकानों में दो कमरे का सेट लेना ...हर गाँव वासी की मजबूरी बन गयी है !!! प्राइवेट स्कूलों की इन कस्बो में भरमार है !!! जो महिलाएं पहले गाँवो के खेत खलियानों की रौनक होती थी वो आज इन दो कमरों के सेट में दिनभर टीवी सीरियल के अगले पार्ट के इंतज़ार में दिन कटाई के लिए बाध्य हो चुकी थी !!! सर्दियों में लेंटर में घाम तपाई, स्वेटर बुनाई और गर्मियों में पंखे और कूलर की हवा में अंगड़ाई !!! सबका मकसद एक था ...बच्चो की एजुकेशन !!! सुबह से शाम ..ड्यूटी ही वही थी... !!! आज से 15 साल पहले मुड़ के देखें तो आसानी से तुलना कर पाएंगे !!!
उधर सरकार को युवा धरमु का चीड़ से लीसा गडान और इसको रोजगार से जोड़ने की स्कीम समझ मे तो आई पर जल्दी इम्प्लीमेंट करने में अभी समय था !! सरकार ने पलायन आयोग का ऑफिस गैरसैण में शिफ्ट कर दिया था !! जिससे जनता को कुछ उम्मीदे नजर आ रही थी !! देहरादून में भरतु की ब्वारी को भरतु के ऑफिस से फोन आता है कि ...भरतु का दिमाग सही नही लग रहा है ...बहुत बरडा-बरडी (बोलते रहना) कर रहा है !!! वो भरतु को लेकर देहरादून पहुँच जाते हैं वो बोलता ही जा रहा था..खुद से ही बाते करने लगा था !!! आर्मी के डॉक्टरों को भी दिखाया पर बीमारी पकड़ में न आई !!! भरतु की ब्वारी ने तुरंत अपनी माँ को फोन मिलाया...और कुछ देर बाद एक उचाणा भैरों देवता के नाम का रख लिया ......!!!! आगे के पार्ट में पढ़िए .... भरतु की ब्वारी के अन्य किस्से !!!! नवल खाली
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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