भरतु देहरादून राजावाला में आजकल खुद से ही बड़बड़ाता जा रहा था !!! जब ब्वारी ने अपनी माँ के कहने पर भैरों देवता का उचाणा रखा तो ...थोड़ा ठीक मालूम होता था !!! भरतु की सास ...गणाने- पुछाने एक प्रसिद्ध पुछेर के पास पहुंची !!! तो पता चला कि ..गाँव का देवता दोष है !!! और पित्र भी नाराज हैं !!! अब सब लोग देहरादून से गाँव रवाना हो गए!!! फिर फटाफट पूजा पाठ का इंतजाम शुरू हो गया है !!! गाँव का घर अभी पुराना ही था , घर मे माँ बाप थे !!! बरसात में कभी कभी चूता भी था !! गाँव मे आज सड़क,बिजली,पानी सब कुछ था !!! गाँव मे आधा दर्जन बुजुर्ग और दो तीन अन्य परिवार ही अपने दिन काट रहे थे !!! भरतु के चाचा का लड़का धरमु आज गाँव मे मशरूम ,सब्जियां, फिश पाउंड और दूध के काम से अच्छा पैसा कमा रहा था !!! भरतु की खेती बाड़ी भी वही आबाद कर रहा था !!! भरतु की ब्वारी को गाँव बिल्कुल पसंद नहीं आता था !! पूजा पाठ के बाद अब भरतु भी ठीक था तो वो माता पिता को भी जिद करके देहरादून ही ले गया !!
अब सास ससुर की सेवा की जिम्मेवारी भी भरतु की ब्वारी के सर पर आन पड़ी थी, भरतु के इस निर्णय से वो मन ही मन कुपित थी ,पर कुछ कह भी नही सकती थी !! मजबूर थी !! भरतु अब स्वस्थ होकर ड्यूटी पर निकल गया था !! अब भरतु की ब्वारी के लिये सास ससुर का सुबह डमडमें चाय के गिलास और नाश्ते से लेकर ...रात में दूध के डमडमें गिलास तक का सफर बड़ा पेचीदा हो गया !!
अब वो सास ससुर को आलू के पराँठे खिलाने लगी...!! बेचारो को गाँव मे कोदे की रोटी या राली रोटी (गेहूं और मडुवे की मिक्स) रोटी और सिलबट्टे का भंगजीरा का पीसा नमक या घी की एक डली खाने की आदत थी !! दोनो को परांठे नही पच पा रहे थे !! कुल..खट्टे डकार..और गैस बन रही थी ,जिससे पूरे कमरे की आबोहवा खराब हो रही थी और भरतु की ब्वारी उनसे चिढ़ते हुए फॉग सेंट छिड़क रही थी !! दिन के खाने में भी ज्यादातर वो देहरादून की बासमती और छोले चने बनाती थी...जिससे कि उनको गेस बनती ही जा रही थी!!! गाँव मे दोनो बुढ़ ,बुढया ...सुंदर चौंसा भात या प्लयो भात खाते थे !! अब देहरादून का खाना पचाने में दोनों को बड़ी दिक्कते हो रही थी !! इधर भरतु की ब्वारी भी अपने मैत (मायके) के देवता से दुआ कर रही थी कि ...हे...देवता ...इस परेशानी से मुक्ति दे दे !! त्येरी बढ़िया वाली पूजाई करवाउंगी अगले पूष के महीने !!!
अब देखते हैं कि क्या ...भरतु की ब्वारी की दुआ को मैत का देवता स्वीकार करता है ?? पढ़िए अगले अंक में !!!
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source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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