भरतु की ब्वारी के देहरादून में ऊपरी मंजिल के कमरे किराए पर चढ़ाने के लिए तैयार हो गए थे !!! एक रूम ,किचन, लैटिन बाथरूम अटेच और किराया मात्र 4000रु.!!! कुल चार सेट थे !!! किरायेदार भी पहाड़ी स्टूडेंट थे !! उनको खूब हड़का के रखती थी !!! शुरू में उन्होंने भरतु की ब्वारी को आंटी बोला तो ... कहने लगी ..तमीज नही सीखी तुमने ...पहाड़ी के पहाड़ी ही रहोगे ..!! मैडम बोला करो !! उस दिन से लड़के भरतु की ब्वारी को मेडम जी ही कहते थे !! 9 बजे गेट पर ताला लगा देती थी ,पानी भी एक टाइम सुबह देती थी !!! और किराया लेने पहली तारीख की सुबह 8 बजे पहुंच जाती थी !! एक लडके की दीदी की शादी थी तो वो गाँव से अरसे लेकर आया और मेडम को दिए तो ...मेडम ने वापस कर दिए ...बोली...इससे पथरी होती है नही खाना चाहिए !!!
कभी लड़के लोग आपस मे मिलकर पार्टी करते तो थोड़ा बहुत हल्ला गुल्ला भी हो जाता था!!! फिर सुबह उठकर ..उनकी क्लास लेना शुरू कर देती ...!!! उनके घर फोन करने की भी धमकी देती थी !!! लड़के आपस मे बोलते थे कि....देहरादून में ही घर बनाने पर बो जी इतना इतराती हैं...अच्छा हुआ चांद पर घर नही बनाया !!! एक बार लड़को ने एक शरारत कर दी ...एक पॉलीथिन में दाल, चावल, मिर्च, निम्बू , बाल, नाखून और दस रुपये का नोट रखकर ...बो जी के बरांडे (बरामदे) में फेंक दिया !!! सुबह भरतु की ब्वारी उठी तो देखा ...पॉलीथिन ??? खोला.. तो ...रिंग (चक्कर) टाइप आने लगे ..!! आनन फानन में सबसे पहला फोन अपनी माँ को किया...और पॉलीथिन के बारे में बताया !!! माँ ने भी अनुमान लगाया ...और बोली...ये जरूर किसी अगल बगल वाले ने किया होगा... लोगो को तुम से जलन होने लगी है...!! कही...ये उस रावत की ब्वारी ने तो नही किया होगा ?? और इस तरह दोनो माँ बेटी कई पड़ोसियों पर शक करने लगी !!! तुरन्त गणत कराने ( दैवीय उपचार ) पुछवाने चमोली के एक घाघ बामण सिम्वाल जी के घर जा पहुंची !! सिम्वाल जी की गणत में भी कोई महिला ही आई...बोले ...इसने तो मकान बनते समय भी एक परेक (कील) रख दी थी !!! और मकान के इर्द गिर्द कुछ कबाड़( देवता दोष लगाने सम्बन्धी सामाग्री) भी रखी हुई है !! सिम्वाल जी घाघ के साथ साथ देहरादून आकर बाघ भी बन गए थे ... !!!! बड़ी हाम थी उनकी !!! गाँव मे भी खूब जजमानी थी पर धन की कमी थी !!! तो पिछले तीन चार साल पहले देहरादून में ही बस गए थे !!! अब भरतु की ब्वारी बोली...पण्डित जी अब क्या होलु तब ?? अब क्या होगा ?? हमने तो आजतक किसी को पूनासौर ( उधर खिसक) तक नही बोला और लोग देखो ...यहाँ देहरादून आकर हमारे पीछे ही पड़ गए !!!
सिम्वाल जी ने सामाग्री लिखवाई.. और कुछ दिनों बाद पूजा का इंतज़ाम करवाने के लिए बोल दिया !!! भरतु की ब्वारी ने भरतु को फोन किया और कहा..सुनो तो...यहाँ तो ऐसा बबाल हो गया ...और फिर सब बताया और बोली..आपको भी पूजा के लिए आना ही पड़ेगा भई...!!!!
इधर किरायेदार लड़के भरतु की ब्वारी को टेंशन देकर आजकल टेंशन फ्री महसूस कर रहे थे ...क्योंकि भरतु की ब्वारी दिन रात टेंशन में थी कि ...कभी उसके दिमाग मे रावत जी की ब्वारी का ख्याल आता तो कभी नेगी जी और कभी सजवाण जी ,कभी बिष्ट जी ....हर किसी को कॉलोनी में शक की निगाह से देखने लगी !!!
अब भरतु भी आ गया . !! रात को पूजा होनी थी तो पहले से ही पण्डित जी ने बता दिया था कि रात 1 बजे प्रेत देव को सामग्री रखने कही जंगल की तरफ जाना होगा !! और घर का सदस्य इसमें नही जाएगा !!! भरतु ने ब्वारी से कहा कि अपने किरायेदार लड़को को बोल देंगे ...बाइक पर वो लेकर चले जायेंगे !!! अब भरतु की ब्वारी कुछ दिन पहले से ही लड़को की आवभगत में लग गयी ...सुबह सुबह चाय पराँठे और रात को भरतु भाई दो दो पेग और शिकार भात खिलाने लगा !!! अब पूजा की रात ....लड़को को पण्डित जी ने मसाण पूजा के लिए सामाग्री दी और कहा कि इसको सीधे कहीं जंगल मे छोड़ देना !!! लड़के लोगों ने वो सामाग्री पकड़ी और कुछ दूर जाने पर उसमे से काजू, किसमिस,नारियल आदि सब खा लिया और बाकी सामाग्री ,अपने अन्य दोस्तो के मकानमालिक के मकान के आगे रख दिया !!और ठहाके लगाते हुए ...वापस लौट आये !!!! जारी-- नवल खाली
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