भरतु की ब्वारी की जिंदगी ,बहार से जितनी सरल दिखती है ,वास्तव में उतनी थी नही !!! लोगो को लगता था कि देहरादून में है तो उसके ठाठ ही ठाठ हैं...!!!
हर किसी को दूसरे की जिंदगी देखकर अक्सर ऐसा ही लगता है कि... बोत ठाठ हैं यार उसके ?? पर उसका हाल ...वही जानता है !!!
महिलाओ की जिंदगी और परेशानियों का तो चोली दामन का साथ है !!! खुद भरतु की ब्वारी बोलती है ...औरते तो बीमारियों की पुड़िया होती हैं !!! कभी जौर, कभी मुनारा, कभी नाल पड़ना, कभी कमर दर्द, कभी बरमण्ड पीड़ा, कभी घुंडा पीड़ा........!!!! ऊपर से गृहस्थी के हज़ारो काम !!! महिलाओ की जिंदगी ,का हाल बिल्कुल कश्मीर जैसा है ....खूबसूरत तो है ...पर बबाल भी बहुत हैं !!!!
भरतु की ब्वारी शीशे के सामने बैठी..कभी खुद को देख रही है ...तो कभी सामने ही टँकी अपनी कॉलेज के जमाने की फोटो को !!! वा क्या उमर थी...क्या दिन थे ....!!! कॉलेज में थी ...चॉकलेटी चेहरे वाली सुंदर सी लड़की ...एक छोटा सा चेचक का दाग उसके बाएँ गाल पर था ..जो उसको और भी खूबसूरत बनाता था !!! बी.ए. फर्स्ट ईयर में आते ही ...एक लड़के ने एक कागज उसके हाथ में थमा दिया था...लिखा था........
मेरे प्रियतम के चेहरे पर जो चेचक का दाग है !!!
वही उसके चेहरे को...करता रोशन चिराग है !!!
और फिर वही घिसी पिटी बातें...कि आपको देखते ही मुझे आपसे प्यार हो गया है !! मैं क्या करूँ ?? मेरी तो अब जिंदगी तुम ही हो ...आई..लब...यू...जानू.!! आलाना- फलाना...!!!
पत्र पढ़कर उसने फेंक दिया...सभ्य घर की लड़की थी...माँ ने सख्त हिदायत दी थी कि ..इन चक्करों में अच्छे खासे बर्बाद हो गए ...हमारी इज्जत का ख्याल रखना !!! खैर... एक बार ..एक लड़के की तरफ हल्का सा गुरुत्वाकर्षण तो उसने महसूस किया तो था..... पर अपनी सहेली को बताती थी...कि... ए.. इसे प्यार मत समझना हाँ... बस वो मुझे अच्छा लगता है ...!!! कुछ ही टाइम बाद भरतु से सगाई हो गयी ...फिर....भरतु ही उसका रियल हीरो था !!! फौजी था..एकदम सॉलिड बॉडी वाला बांका नौजवान !!! सबसे पहले तो भरतु ने उसको नया सिम और मोबाइल लाकर दिया और फिर शुरू हुई ...शादी और सगाई के बीच की सुनहरी प्रेम कहानी !!! एक दूसरे की फेवरेट चीजो को पूछने का सफर ...चाँद तारों तक चलता रहा !!! सगाई के बाद जब भरतु ...वापस ड्यूटी जा रहा था तो ..दोनो एक दूसरे को मिले ...वो लम्हा बेहद ही यादगार था...भरतु ने एक रानी कलर का सूट उसको गिफ्ट किया ....!!! वो बेचारी स्टूडेंट थी...भला क्या दे पाती ??? पर एक बेहद ही मनमोहक खुश्बू वाला सेंट उसने भरतु को गिफ्ट किया !!! सेंट लेते हुए ...भरतु ने हल्के से उसकी अंगुलियों को स्पर्श किया ...तो उस एहसास ने दोनों के प्रेम को फोन पर और भी प्रगाढ़ कर दिया !!! वापस ड्यूटी पर आते हुए ...भरतु को उसकी बहुत खुद लग रही थी (याद आ रही थी)...हेड फोन पर ...ओ मेरे हमसफ़र...ओ मेरी जानेजां... मेरी मंजिल है तू....तू ही मेरा आसमां..... वाला गाना उसको और भी रोमांसित कर देता !!! भरतु की ब्वारी...भी उन दिनों ...हेड फोन लगाकर...कभी लेंटर में जाकर तो कभी ...रजाई के अंदर ...घण्टो बातचीत करती !!! बातों का दौर खत्म ही नही होता ...!!! भरतु भी उसकी दी हुई सेंट की शीशी को हरपल जेब मे ही रखता !! बॉर्डर पर ब्वारी की याद भी तो बहुत आती थी !!!
अचानक ...दरवाजे की घण्टी बजी ...तो भरतु की ब्वारी का ध्यान शीशे के सामने से टूटा... बाहर ..बच्चे स्कूल से आ चुके थे ....!!! अब फिर से वही दिनचर्या ...अपनी गृहस्थी के कामो में व्यस्त हो गयी !!!
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source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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