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भरतु की ब्वारी-- पार्ट 2-पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)

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भरतु की ब्वारी-- पार्ट 2-- navalkhali

आजकल भरतु की ब्वारी गर्मियों की छुट्टियों में दो चार दिन के लिए गाँव जा रखी थी !!! बच्चो को बता रही थी कि ....बेटा गढ़वाली बच्चो  के साथ रहकर ज्यादा गढ़वाली वर्ड यूज मत करना , तुम्हारी टोन खराब हो जाएगी !! चाचा को अंकल बोलो , चाची को आंटी !!! 
आजकल गाँव थोड़ा गुलजार सा लग रहा था , ज्यादातर लोग देवता के डर से ,देवता को खुश करने देवता पूजाई में आये थे !!! कुछ पर गाँव की पुरानी ,एडी-आछरी, और छौल लगा था तो उसकी पूजाई भी जरूरी थी !!! गाँव के बच्चे ,शहरी बच्चो के कपड़ों ,भाषा और थोड़ा सा गोरेपन से प्रभावित नजर आ रहे थे !! हालांकि वो भी उनको फुल टक्कर दे रहे थे !! गाँव की महिलाएं भी शहरी महिलाओ को देखकर मन ही मन सोच भी रही थी कि ऐसी किस्मत हमारी कहाँ ??  शहरी महिलाओ के मेकअप और पहनावे से खासी प्रभावित हुई जा रही थी !!! पर शायद उनको ये भान नही था कि यहाँ गाँव का पूरा जहाँ उनका अपना था , पर शहर में दो चार कमरे की चारदीवारी ,और टीवी के अलावा कुछ भी अपना नही !!! शहरी मर्द लोग , कभी टिमरू ढूंढ रहे थे ,कभी तिमले, कभी बेड़ू ,कही से काखडी ,कही से मुंगरी और इन चीजों के साथ सेल्फी खींचकर फेसबुक पर मेरा गांव पोस्ट करके खुद को तसल्ली दे रहे थे !!!! 
आखिरकार छुट्टियाँ खत्म हो गयी ,भरतु की ब्वारी ने धारे पर खड़ी अन्य महिलाओं से कहा दीदी, दो चार दिन तो गांव में ठीक है ,पर अब हमारे बस का नही भई , ज्यादा दिन गाँव मे रहना , देखो न यहां के पानी से आजकल मेरे हाथ ,पाँव भी काले हो गए और बालों में भी रुशी हो गयी !!! तुम लोग पता नि कैसे रहते होंगे ?? उनमे से एक महिला बोली -- अरे भुल्ली जब तक सास ससुर हैं ,तब तक तो रहना ही है , वैसे हमने भी ले लिया न , देहरादून राजावाला में एक टुकड़ा !! अब देखते है तब !!
भरतु की ब्वारी बोली -- दीदी ,सास ससुर का तो क्या है ??उमर भी हो गयी अब एक न एक दिन तो जाना ही है !!! मेन तो बच्चो का भविष्य है !! महिला को भी बात जम गई और शाम को पति को फोनकर देहरादून का घूस्याट (जिद) गाड़ (निकाल) दिया !! बेचारा पति भी अगले दिन सुबह गाँव पहुँच गया और दो चार दिन में भरतु की ब्वारी के साथ ही सब बाल बच्चो सहित देहरादून रवाना हो गए  !!! अब गाँव मे फिर से दो चार ऐसे परिवार रह गए जो गाँव से निकलना चाहते थे पर मजबूरियां उनके पाँव, गाँव से जोड़े हुई थीं!!!
कुलमिलाकर भरतु की ब्वारी ने गाँव से एक परिवार और पलायन करवा दिया !!! Naval Khali


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source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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