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भरतु की ब्वारी--पार्ट-22-पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)

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भरतु की ब्वारी--पार्ट-22-जारी- नवल खाली---
भरतु की ब्वारी देहरादून में आजकल घर मे बैठी बैठी बोरियत महसूस कर रही थी !!! टी.वी. के चैनल बदल बदल कर भी परेशान हो गयी है थी !! ज्यादा रुपये कमाने के चक्कर मे आर्थिक स्थिति भी थोड़ी सी डमाडोल थी !!! बच्चे भी अब बड़े हो गए थे तो सोच रही थी कि कहीं नौकरी मिल जाती तो टाइमपास भी हो जाता और अपने फेयर लवली, कंडीशनर, फेसवॉश, शेम्पू, चूड़ी,बिंदी आदि का खर्चा भी निकल जाता !!
समाजशास्त्र से एम.ए. थी और बी.एड का सर्टिफिकेट भी जम्बू कश्मीर से प्राप्त कर ही लिया था !!! 
अब भरतु की ब्वारी ने एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने का फैसला किया !!! तनखा भी फिक्स हो गयी दस हज़ार !!! प्राइवेट स्कूलों का तो आपको पता ही है ...अभिवाहको के खून पसीने की कमाई तो चूस ही लेते हैं पर वहाँ पढ़ाने वाले टीचर्स के खून की प्लेट्स भी सूखा देते हैं !!!!
भरतु की ब्वारी भी अब इनके चपेटे में आ गयी थी !!! बहुत बिजी शेड्यूल हो गया था , सुबह बच्चो के लिए लन्च बॉक्स में शॉर्टकट नूडल्स के साथ रात की बासी रोटी पर रामदेब गाय के घी रूपी डालडे का लेप लगाकर देने लगी !!! खुद भी सुबह दो बासी रोटी मोड़कर चाय के संग निगल देती थी !!! दिन में नर्सरी क्लास के बच्चो को लन्च करवाने की ड्यूटी भरतु की ब्वारी की थी तो दिन का लन्च बच्चो के टिफिन से थोड़ा थोड़ा टेस्ट करने के बहाने हो जाता था !!! 
एक बच्चे के टिफिन पर हमेशा उसको बहुत लालच आता था ...बच्चे के टिफिन में कभी झंगोरे की खीर, कभी मंडुवे की रोटी, कभी कफली, कभी तिमले की भुज्जी आदि आदि पहाड़ी व्यंजन होते थे !!! जिसपर भरतु की ब्वारी का मन बहुत मचलता था ...भरतु की ब्वारी अब बच्चे को दस रुपये की चॉकलेट देकर उसके टिफिन से ही खाने लगी !!! 
भरतु की ब्वारी पहाड़ी थी तो पहाड़ी व्यंजनों से अच्छा लगाव था ..!!! स्कूल की प्रिंसिपल भी इत्तफाक से पहाड़ी राउतों की ब्वारी थी ...पर काफी सालो से देहरादून ही बस गए थे !!! भरतु की ब्वारी ने प्रिंसपुल को पटाया, थोड़ा सा मख्खन लगाया और बोली...मैडम.. देखा जाय तो पहाड़ी व्यंजनो में बहुत ज्यादा विटामिन प्रोटीन होता है जोकि बच्चो के मानसिक और शाररिक विकास के लिए बहुत जरूरी है ...तो क्यों न हम अपने स्कूल में एक नई शुरुवात करें ?? सारे बच्चो के टिफिन में एक पहाड़ी व्यंजन अनिवार्य कर दें !!!
प्रिंसपल मेडम को भी बात जम गई और फिर बच्चो के टिफिन में एक पहाड़ी व्यंजन की शुरुवात हो गयी !!! अब भरतु की ब्वारी के पौ बारा हो गयी...डेली पहाड़ी व्यंजनो का स्वाद लेने लगी और बच्चो के टिफिन में से थोड़ा बहुत टपाकर अपने बच्चो के लिए भी लाने लगी !! 
हालांकि अभिवाहको को देहरादून में डेली डेली पहाड़ी व्यंजनो के लिए समाग्री इकठ्ठा करने में दिक्कतें तो होती थी पर स्कूल प्रशासन ने बच्चो की सेहत का हवाला देकर उनको मना लिया था !!
अब भरतु की ब्वारी के बिजिनिस दिमाग की फिर से बत्ती जलने लगी और दो चार दिन छुट्टी लेकर गाँव चली गयी ...वहाँ अब गिने चुने परिवार बसे थे ....उनसे बात करके इधर उधर के गांवों से भी कुछ कुंतल मंडुवा, झंगोरा आदि खरीदकर देहरादून ले आयी और फटाफट फिसवाकर रख लिया !!! कुछ दिनों बाद एक पेकिंग मशीन लाई और आधा किलो , एक किलो के हज़ार पैकेट तैयार कर दिए !!! 
फिर स्कूल में प्रिंसपुल मेडम को बोली--- मेडम... जोर से मन में एक विचार आ रहा है ....??? मैडम बोली-- अगर जोर से आ रहा है तो तुरंत निकालो...!!! बोली मेडम क्यों न हम पहाड़ी उदपादो की एक प्रदर्शनी सन्डे को स्कूल में लगाएं ताकि अभिवाहको को उचित दामो पर उदपाद मिल सकें !!! मेडम बोली यार भरतु की ब्वारी---इतने उदपाद कहाँ से लाएंगे ??? भरतु की ब्वारी भी उत्साहित होकर बोली...वो मेरे ऊपर छोड़ दो...थोड़ा बोत आपका भी बन जायेगा रे दीदी...!!!! 
सॉरी मेडम ..आपको दीदी बोला...!!! प्रिंसपल कमीशन की बात सुनकर थोड़ा मजाक के मूड में आ गयी .....बोली....धन हो भई भरतु की ब्वारी तुझे...तू ही पहाड़ो की सच्ची नारी है जो देहरादून में रहकर भी पहाड़ी व्यंजनो को बढ़ावा दे रही है ....और शाबास मेरी पव्थली बोलकर मेडम ने भरतु की ब्वारी की पीठ थपथपा दी !!!!
अब स्कूल में पहाड़ी उद्पादो की प्रदर्शनी लग गयी ...भरतु की ब्वारी ने मंडुवे के पैकेट की ग्रेडिंग करके रेट चस्पा कर लिए थे !! भरतु की ब्वारी ने एक बात प्रिंसपल मेडम को बता ही दी थी ...कि मेडम ...एकदम शुद्ध मंडुवा खाने से पेट भी चलता है इसलिए मैंने उसमे थोड़ा थोड़ा रामदेब का बाजरे वाला आटा भी मिला दिया है !!! 
अब प्रदर्शनी से भरतु की ब्वारी को भी अच्छी आमदनी हो गयी थी जिसमे से टेन परशेन्ट प्रिंसपुल को भी दे दी थी और अगले दिन के अखबार में भरतु की ब्वारी की फोटो और खबर भी आ गयी थी .... पहाड़ी उद्पादो को बढ़ावा दे रही भरतु की ब्वारी !!!!!! 
जारी---नवल खाली



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source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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