भरतु की ब्वारी अपनी गृहस्थी में वैसे ही व्यस्त थी जैसे प्रदेश सरकार अपने कार्यक्रमो में !!! भरतु की ब्वारी को पता चला कि उसका गाँव भी नगर पंचायत में आ गया है तो मन मे चुनाव लड़ने के बीज बोने लगी !!! सोचने लगी ...चुनाव अगर अपने पहाड़ो से लड़कर जीत भी गयी तो कौन सा वहाँ रहना पड़ता है ?? जब ग्राम प्रधान तक चुनाव लड़ने के बाद देहरादून ही पड़े हैं तो फिर दिक्कत क्या है ??
भरतु को फोन मिलाया और कहने लगी.....अजी...मैं सोच रही हूँ इस बार गाँव से नगर पंचायत चुनाव लड़ लेते हैं ....!!! मैंने सुना कि सीट भी लेडीज हो रखी बल...!!!
अब चुनाव का वक्त आने वाला था तो भरतु भी छुट्टी आ गया और फिलहाल कोटे की व्यवस्था में व्यस्त हो गया ...!!! दोनो ने सबसे पहले नगर पंचायत की वोटर लिस्ट निकाली और परिवार ,नाते रिश्तेदारों के नाम पर टिक लगाने लगे ...!!! फिर भरतु की ब्वारी एक एककर सभी को फोन भी करने लगी...भई दीदी ...तुमिने देखना भई इस बार ...तुम पर ही भरोषा है भई हमारा....!!! इधर भरतु भी अपने भाई बन्धों को धड़ाधड़ फोन करने लगा ....भुल्ला...इस बार त्येरी भाभी भी दावेदार है भई.... बाकी सब व्यवस्था हो जाएगी ...तुम लोगो का सपोर्ट चाहिए भई !!!!
कुछ दिनों बाद दोनों गाँव आ गए ...सब को इकठ्ठा करना थोड़ा मुश्किल था तो भरतु की ब्वारी ने दिमाग लगाया.और भरतु को एक आइडिया बताया...अजी सुणो दूँ.... तुम पहली बार अपने माँ पिताजी की शादी की सालगिरह पर एक भोज दे दो ....सब लोग इकठ्ठा भी हो जाएंगे ....और उनको हम वोट के लिए पटा भी देंगे !!!!!
भरतु ने कहा....पर माँ पिता की सालगिरह ....बिना डेट के कैसे पता चलेगा ?? भरतु की बव्वारी के चंट दिमाग ने तुरंत हंसते हुए कहा .....अजी तुम भी न ...सच्ची का फौजी छन भै ....!!!! उनको खुद ही पता नही होगा कि शादी कब हुई होगी....??? दोनो ने माँ पिताजी को सालगिरह के बारे में पूछा ....तो माँ कहने लगी..दिन बार त याद नि पर....वे दिन बोत बरखा छे होणी ....!!! पिता की स्मृतियों में भी वो दिन ..... सिर्फ इतना ही याद था कि .....उस दिन वो भीगकर खुतखुतकार हो गए थे और दो दिन तक उनको जौर (बुखार) आया था !!!
फिर भरतु और भरतु की ब्वारी ने तुरंत ही दोनों की सालगिरह मनाने की योजना बनाई...बकायदा कार्ड बांटे गए ...और सभी को निमंत्रण दे दिया !!! भरतु ने इस्टीमेट लगाया कि कम से कम 300 बोतल विहस्की और दर्जन पेटी बियर ...दर्जन भर मुर्गे और एक बकरा खप जाएगा !!!
अब सालगिरह शुरू हो गयी थी ...भरतु ने बूढ़े पिता के लिए शेरवानी और माँ के लिए बनारसी साड़ी का इंतज़ाम कर दिया था !!! भरतु की ब्वारी ने भी बूढ़ी सास पर क्रीम पाउडर लपोडकर ...बुढ़िया को एकदम टिन्च बना दिया था !!!
सालगिरह शुरू हो गया था ....अधिकतर लोग इस उद्देश्य से भी थे कि भरतु फौजी है तो इंतज़ाम पूरा ही रहेगा !!! कईयों ने तो सुबह से कुछ खाया ही नही था कि अब भरपेट पार्टी भरतु की पार्टी में ही होगी !!!
पार्टी शुरू हो गयी थी ...डीजे की धुन के साथ ...पार्टी का सुरूर भी बढ़ता जा रहा था !!!
अब ये चर्चा भी शुरू हो ही गयी थी कि इस बार ब्वारी को ही नगर पंचायत अध्यक्ष बनाना है ...!!! भरतु की ब्वारी भी बड़ी हिम्मत वाली थी ....जानती थी कि भीड़ का फायदा कैसे उठाना है ...??? भरतु की ब्वारी ने माइक पकड़ा और सबको सम्बोधित करने लगी .....म्येरा बड़ा बुजुर्गों ते चरण स्पर्श प्रणाम ....देवर - देवरानियों ते ढेरों आश्रीवाद ...मि आपका बीच मा सिर्फ एक ही बात बोल्न चांदू कि ये बार आप सबकु वोट रूपी आश्रीवाद हमारा दगडी रोलु ...!!! और फिर भरतु की ब्वारी ने .....बेडु पाको बारा मासा ....वाला गाना गाकर सबका दिल जीत लिया ....सब झूमने लगे !!!! भरतु की ब्वारी जिंदाबाद के नारों से पहाड़ के बेजान पथ्थर भी गूंजने लगे !!!!
सब की जबान पर बस यही बात थी कि....ब्वारी हो तो भरतु की जैसी...!!! पार्टी समाप्त हो रही थी ...तो भरतु ने ....अति मदिरा प्रेमियों के लिए ...एक एक क्वाटर का इंतज़ाम विदा होते हुए भी किया था ....यह इतिहास की पहली पार्टी थी जिसमे आते हुए भी लोग पव्वा लेकर आ रहे थे और भरतु के गुण गा रहे थे !!!!!
अब देखना होगा कि क्या भरतु की ब्वारी चुनाव जीत जाएगी ???
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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