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भरतु की ब्वारी-पार्ट-39-पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)


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भरतु की ब्वारी --पार्ट--39--जारी-नवल खाली


भरतु की ब्वारी के देहरादून में गर्मी से बुरे हाल थे !!!! आज से कुछ साल पहले देहरादून में  किराये के कमरों पर रहती थी तब देहरादून में उतनी गर्मी नही होती थी !!! पर अब चारों तरफ धुंध और उमस बढ़ गयी थी !!!
हालाँकि इस बार एक कमरे में कूलर लगा दिया था , पर फिर भी स्कूटी पर कहीं बाहर जाती तो , हेलमेट के नीचे कपाल तच जाता !!! 
माँ को गाँव मे फोन करती तो माँ बताती कि .... हम तो रजाई ओढ़ के सो रहे हैं ... गाँव था भी बांज के जंगलों के समीप, जहाँ दो तीन पानी के कुंवे थे जहाँ नेचुरल चिल्ड पानी हर समय बहता था !!! जंगल से घास लाते हुए घस्यारीयाँ अक्सर इन कुंओं पर कुछ देर बैठकर पुनः तरोताजा होती थी !!!! हे म्येरु ठन्डु पाणी .. !!!! ये पानी उनके लिए किसी औषधि से कम नही था !!! 
उधर देहरादून में भरतु की ब्वारी अपने मकान के दुमंजिले में रहती थी और ग्राउंड फ्लोर पर पशुपालन विभाग में बाबू, नेगी जी का परिवार किराये पर रहता था !!! दूसरी मंजिल में गर्मी ज्यादा होती थी ... भरतु की ब्वारी के दिमाग मे आया कि किराएदार को ऊपरी मंजिल में आने को कहेगी और खुद निचली मंजिल में चली जायेगी !!! नेगी जी का परिवार उसके यहाँ पिछले दो सालों से था .... और नेगी जी की ब्वारी उसकी दूर की रिश्तेदार भी थी !!!! अब ऐसे में कैसे उनको बोले ...??? ये भरतु की ब्वारी को समझ नही आ रहा था !!! हर इन्शान सबसे पहले खुद के लिए कम्फर्टेबल चाहता है ...बाकी दुनियादारी बाद की बात है !!! 
भरतु की ब्वारी की गुरु उसकी माँ थी ... तुरन्त ही उसने माँ को फोन मिलाया और मन की बात बताई !!! माँ तो खिलाड़ी थी ...उसने तुरंत ही एक आइडिया अपनी बेटी को बताया !!!! 
अब भरतु की ब्वारी अपनी माँ के बताए आइडिये पर चलने लगी !!!! अब वो डेली सुबह उठकर ..पहले ऊपरी मंजिल से कूड़ा करगट नीचे फेंकती और फिर खुद ही झाड़ू लेकर निचली मंजिल के बरामदे में बड़बड़ाते हुए ...बरामदे को साफ करने लगती !!! कहती ....छि सफाई भी नही रख सकते भई ये लोग !!!  कभी पानी को मेन प्वाइंट से बंद कर देती थी !!! आये दिन की किच किच से नेगी जी की ब्वारी भी परेशान होने लगी ....और एक दिन दोनो में महाभारत हो गयी .... महिलाओं की महाभारत जब चलती है तो ... उसको थामना मुश्किल हो जाता है !!! 
ऊपर से गर्मी का मौसम ... इस मौसम में तो गालियाँ भी गर्मागर्म ही निकलती हैं ... एकदम करारी गालियाँ !!!  नेगी जी की ब्वारी भी ... थोकदारों की बेटी थी... उसने भरतु की ब्वारी को चैलेंज कर दिया कि... हे अपने बाप की बेटी तो ... कमरा खाली करवा के दिखा !!!! मामला बहुत टफ हो गया ...!! भरतु की ब्वारी की नींदे उड़ गई ... !!! फिर किसी ने राय दी कि दो चार हजार देकर पुलिस की मदद ले लो ...!! फिर दिन दोपहरी घाम में पुलिस के पास पहुंच गई ....!!! पुलिस भी आ गयी ... जैसे ही पुलिस के दरोगा हनुमंत सिंग ने किराएदार नेगी जी का दरवाजा खटखटाया तो नेगी जी की ब्वारी बहार आ गयी .. और तुरंत ही दरोगा ने उसको पहचानते हुए कहा .... अरे ...सुनीता तुम ...?? और नेगी जी की ब्वारी सुनीता ने भी दरोगा हनुमंत सिंग को पहचान लिया... दोनो एक साथ ही नेलचामी इन्टरकोलेज में पढ़ते थे ...हनुमंत भी मन ही मन सुनीता को अच्छा मानता था...... भरतु की ब्वारी का गिच्चा उनको देखकर आँ हो गया ...!!! फिर हनुमंत सिंग को सुनीता ने अपने कमरे में बिठाया... पानी पिलाया ... और स्कूल के जमाने की खूब गप्पे मारने लगे !!! भरतु की ब्वारी ...अपने ही मकान के बरामदे में घाम में ही दरोगा का इंतजार करने लगी !!!! दरोगा जी बहार आये और भरतु की ब्वारी को धमकाते हुए बोले ... किरायेदारों को टॉर्चर करने के जुर्म में अंदर कर दूंगा ... ध्यान रहे ... दुबारा शिकायत का मौका न मिले !!! भरतु की ब्वारी सुन्न हो गयी !!!! नेगी जी की ब्वारी भी इतराते हुए बहार आयी .... और भरतु की ब्वारी के करीब आकर बोली.... जाने दे.... .... जरा हवा तो आने दे !!!!! 
अब एक तरफ तो गर्मी ऊपर से इस मामले से भरतु की ब्वारी के दिमाग मे और गर्मी भर गई ... और बॉर्डर पर तैनात भरतु पर ही गुस्सा निकालने लगी ...डेली किचिर किचिर करने लगी !!! अब बेचारा भरतु बन्दूक थामे ...या ब्वारी का गुस्सा थामे ??? बेचारा सुद्धि सुद्धि टेंशन में आ गया था !!!! 
जारी--- नवल खाली

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source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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