भरतु की ब्वारी देहरादून की गर्मी से परेशान थी !!! बच्चों की छुट्टियाँ भी हो गयी थी तो मायके जाने का प्लान बनाने लगी !!!
अक्सर जून के महीने बहार रहने वाले अधिकाँश पहाड़ी भै बन्ध ...बाल बच्चों सहित अपने अपने गाँव लौट आते हैं !!! जिनमे से कुछ लोग देवताओं के डर से , कुछ को गाँव की आबोहवा गाँव खींच लाती है !!! कुछ लोग सालभर बाद अपने बूढ़े माँ बापों की सुध लेने व कुछ अपने मकानों के ताले खोलने जरूर आ जाते हैं !!!
सालभर बाहर रहने के बाद , पहाडियों के.... गाँवो में आने से रौनक बढ़ने लगती है !!! बहार परदेशों में ब्याही गयी बेटियाँ भी अक्सर रुडियो (गर्मियों) की छुट्टियों में बाल बच्चो सहित अपने मायके आ जाती हैं !!! जहाँ काफल, हिसोल, किंगोड़ , के पेड़ भी अपनी धियाणीयो के इंतजार में रहते हैं !!! पर इस बार भीषण आग लगने से ...सब कुछ जलकर खाक हो गया है !!! इस बार की भयंकर आग से जंगली जानवरों , एडी ,अछरियों का वजूद भी खतरे में पड़ गया है !!!
भरतु की ब्वारी ने गाँव जाने का कार्यक्रम बनाया , भरतु भी दो महीने की छुट्टियाँ लेकर फिलहाल बाल बच्चों के पास देहरादून ही पड़ा था , इस दौरान भरतु देहरादून में थोड़ा बहुत प्रोपर्टी डीलिंग भी कर लेता था !!! अब सुबह की गाड़ी से दोनों पहाड़ों की तरफ रवाना हो गए थे !!! भरतु बाल बच्चों सहित अपने ससुराल पहुँच गया था !!! अब सालभर बाद जँवाई जी ससुराल आये थे तो सासु जी भी आतिर खातिर में जुट गई !!! भरतु और उसके ससुर जी भी 8pm खोलकर बैठ गए ..... जँवाई भी फौजी था और खुद ससुर जी भी हवलदार रिटायर ....तो पीने खाने में झिझक जैसी कोई बात नही थी !!!! दोनो कुछ ही देर बाद मूड में आ गए और अपने फौज की ,जेसीओ साब की बातें , आतंकवादीयों की बातें , मोदी जी बातें , राहुल गांधी की बातें करने लगे !!! उधर इस बीच भरतु की ब्वारी और सास शिकार और अन्य व्यंजन बनाने लगी ...!!!!
भरतु को ससुराल में ही एक हफ्ता हो गया धीरे धीरे छुटियाँ भी खत्म हो रही थी !!!
उधर भरतु ने अपनी बची हुई छुट्टियों में एक दो दिन अपने गाँव अपने माँ बाप के पास जाने का विचार बनाया !!!! माँ बाप के पास ब मुश्किल एक ही दिन हुआ था कि ... ब्वारी फोन पर कुचुर कुचुर करने लगी ....क्योंकि भरतु की ब्वारी को औली घूमना था !!! बेचारे को अगले ही दिन माँ बाप से विदा लेकर मजबूरी में ससुराल आना पड़ा !!!! जबकि भरतु के पिता घर मे बीमार थे !!!
अब भरतु औली की तरफ चला गया और ब्वारी भी लूरबूर लूरवूर उसके पीछे चल पड़ी !!! अब औली घूमते हुए दोनो सेल्फी पर सेल्फी खिंचवा कर खूब इंजॉय कर रहे थे !!! भरतु के फोन में पिता का फोन आ रहा था ...फोन भरतु की ब्वारी के पास था ....वो उनके फोन को काट रही थी .... और सेल्फी लेते हुए खूब खिलखिला रही थी !!!!
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
ये भी पढें
- उत्तराखंड की भौगोलिक संरचना
- उत्तराखंड की जलवायु
- उत्तराखण्ड में नदियाँ
- उत्तराखण्ड की मिट्टियाँ
- उत्तराखण्ड में प्राकृतिक बनस्पति एवं वनों का वितरण
- उत्तराखंड पर्यावरण सुरक्षा योजना
- उत्तराखंड का इतिहास
- स्वतंत्रता आन्दोलकन में उत्तराखंड की भूमिका
- उत्तराखण्ड संघर्ष का सफरनामा
- पृथक उत्तराखंड के संघर्ष का इतिहास
- उत्तराखंड की शासन प्रणाली
- उत्तराखंड - औद्योगिक एवं कृषि अर्थव्यवस्था
- उत्तराखंड में ऊर्जा संसाधन
- उत्तराखंड में शिक्षा और शैक्षिक संस्थान
- उत्तराखंड में परिवहन के साधन
- उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां व अनुसूचित जनजातियों के लिए संवैधानिक संरक्षण
- उत्तराखंड विविध विकास योजना व आर्थिक कार्यक्रम
- उत्तराखंड : वन्य जीव, राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव विहार
- उत्तराखंड जनस्वास्थ्य, नीतियां एवं उपलब्धियां
- उत्तराखंड में सहकारिता आंदोलन
- उत्तराखंड पर्यटन नीति
- उत्तराखंड के प्रशिद्ध बुग्याल
- उत्तराखंड के प्रमुख पर्व एवं मेले
- उत्तराखंड की विविध कलाएं : वास्तुकला, मूर्तिकला एवं मंदिर
- उत्तराखंड के लोक संगीत, लोक निर्त्य,लोक कलाएं
- उत्तराखण्ड : ललित कलाएँ
- उत्तराखंड में चित्रकारी
- उत्तराखंड के प्रमुख गीत व संस्कार
- उत्तराखंड की भाषा , छेत्रिय भाषा , बोली
- उत्तराखण्ड का लोकसाहित्य
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं पार्ट 2
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं पार्ट 3
- गढ़वाली शादियों में गालियां ओर मांगलिक गीत
- उत्तराखंड से सम्बंधित अन्य कोई भी जानकारी (euttra.com)
Follow Us