भरतु की ब्वारी गर्मियों की छुट्टियों में आजकल गाँव में कभी कंडी में घास लाते हुए, कभी कुदाल पकड़ कर बाड़े सगोड़े में ,कभी काफल के पेड़ में चढ़कर , तो कभी सर में गागर रखे हुए ...कभी सिलबट्टे पर नमक पीसते हुए......फोटो खींचकर धडाधड सोशियल मीडया पर प्रोफ़ाइल फोटो अपलोड करने में व्यस्त है !!!
सास कई बार टोकती थी कि ... ससुर जी , जेठ जी , देख रहे है...सिर में पल्लू तो रख .... पर भरतु की ब्वारी करती अपने मन की ही थी !!!! उसका मानना था कि... ये पल्लू पुल्लु चोंचलेबाजी है !!! बस गाँव की आबोहवा ताजी है !!!
अब गाँव मे आपने आजतक किसी ब्वारी को मोर्निंगवॉक पर जाते देखा है !??? नही न ?? पर भरतु की ब्वारी को देहरादून की आदत हो गयी थी ...!!! इसलिए गाँव मे भी सुबह सुबह निकल पड़ती ...... !!!!
कल जब सावत्री की सास ने ...सुबह सुबह भरतु की ब्वारी को ... तेजी से जाते हुए देखा ...तो... उसका मन भयभीत हो गया ....उसे लगा कि ...घर मे कुछ अनबन हो गयी शायद ....?? कहीं भरतु की ब्वारी फांस खाने तो नही जा रही है ??? क्योंकि वो उस दौर की महिला थी ... जब गाँव मे जवान जवान ब्वारियाँ अक्सर अनबन पर सीधे फांस खा लेती थी !!!!
सावत्री की सास ने तुरन्त ये बात गाँव में आग की तरह फैला दी !!! गाँव के लोग भी इकठ्ठे हो गए ...और भरतु की ब्वारी को ढूंढने निकल पड़े ..... कुछ ही दूर पर उन्होंने देखा .... एक जगह पर भरतु की ब्वारी ... की ....टांगे ऊपर और सिर नीचे था .... उन्होंने ऐसी उल्टी फाँस खाने की घटना पहली बार देखी थी ...!!!!
सब दौड़ के उसके नजदीक पहुँच गए !!!! उसने आहट सुनी तो सरबट खड़ी हो गयी !!!! देखा पूरा गाँव खड़ा था .... !!!! गाँव वाले भी झंड हो गए थे !!! उसने पूछा कि ....सब यहाँ क्यों ?? तो सावत्री की सास वाली बात सामने आई ....!!!!
फिर तो आपको पता ही है ....भरतु की ब्वारी ने सावत्री की सास के पित्तर पूज दिए ... !!!! सुबह सुबह बात घात अहंकार , देवता लगाने तक जा पहुंची .... ऐसा झगड़ा अक्सर वर्षों पूर्व गाँव मे गाय के उज्याड़ खाने , खेतों की बाउंड्री सरकाने , पानी भरने , दूसरों के खेतो में लेट्रिन करने आदि पर होता था !!!!! भरतु की ब्वारी ये कहते कहते हुए घर लौट गई कि.... गंवार के गंवार ही रहेंगे !!! सुबह सुबह मूड ऑफ कर दिया !!!
जब कभी भरतु की ब्वारी का मूड ऑफ होता तो वो तेज तेज साँस लेने लगती .... ऐसा उसे देहरादून में मेडिटेशन के ... एक आर्ट ऑफ लिविंग के गुरु ने बताया था ..... अब भरतु की ब्वारी अपने बरामदे में आंखे बंद करके तेज तेज साँसे ले रही थी .... तो सास ससुर को लगा कि ब्वारी पे हो न हो..... कालिंका देवी अवतरित हो गयी हो .... वो फटाफट एक थाली में चावल और धूप अगरबत्ती ले आये .... और ब्वारी के आगे रख दिया !!!!
अब ये देखकर .... भरतु का ब्वारी का गुस्सा .... नाक से सीधे बरमण्ड में चढ़ गया .... उसने भी मुठ्ठी में चावल लिए और सास ससुर को 120 की स्पीड पर ताड़े मारने लगी .... बेचारों के बूढे झुर्रीदार गालों पर चावलों के टाक पड़ गए ...गाल लाल हो गए .... !!!
बगल के ही चौक में खड़ी सावत्री की सास ये सब कुछ लाइव देख रही थी.... भरतु की ब्वारी दौड़ती हुए उसकी तरफ बढ़ी .... और चार ताड़े उसके ऊपर ऐसे मारे कि ... उसके गालों में झमझ्याहट पड़ गया .... सावत्री की सास तेजी से अपने रसोई में घुस गई ...और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया !!!! वही दिन है आज का दिन है ....भरतु की ब्वारी के कोई मुँह नही लगता .... इसलिए तो उसकी इतनी तड़ी है !!!!और उसकी टाँग हमेशा की तरह ऊपर ही रहती है !!!!!
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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