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भरतु की ब्वारी- पार्ट--44-पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)


https://www.youtube.com/user/Satendra9956
भरतु की ब्वारी --पार्ट--44--जारी-नवल खाली


भरतु की ब्वारी की मुलाक़ात आज अपने एक पुरानी स्कूल की स्टूडेंट् कबिता से हुई , उसके चेहरे का ग्लो देखकर , भरतु की ब्वारी एकदम हक़दक रह गयी !!! 38 सवें पडाव पर भी उसका चेहरा दिप्प लग रहा था !!! सोचने लगी ये वही कबिता है क्या ...??? जिसको नाक का सिंगाड़ा पोछने का भी होश नही रहता था ... सिर में लीखे व जुओं की बरात चलती रहती थी ...!!! अचानक इतनी स्वाणी कैसे हो गयी ??

कबिता ने भी बताया कि वो भी देहरादून में ही मोहनी रोड पर पॉश इलाके में रहते हैं ... और पति बिरति बाड़ी,  पूजा पाठ , पंडिताई व जजमानी करते हैं!!!!  
भरतु की ब्वारी सोचने लगी ये तो मायके से रावत थी ?? फिर ये पति की पंडिताई का  राज क्या है ?? फिर कबिता ने खुद ही बताया कि ... य्यार भरतु की ब्वारी .... शुरू शुरू में हमने भी देहरादून में बोत धक्के खाये !!!  पर धीरे धीरे देहरादून ने हमे जीना सीखा दिया ....!!!
पति घर में बेरोजगार थे ... बच्चो को बाहर पढ़ाना भी था तो हमने गाँव की कुछ जमीन बेच दी और और देहरादून शिफ्ट हो गए !!! शुरू के कुछ साल हम किराये के कमरों में ही धक्के खाते रहे !!! फिर तुम्हारे जीजू ....रावत से पुरोहित बन गए और  एक मंदिर में लग गए .... बस वहीं से चरखा चलता रहा !!! फिर अब मैं भी काफी कुछ सीख गई हूँ ....वास्तु देखना जानती हूं..... हस्तरेखा देखना जानती हूँ , टैरो कार्ड देखना जानती हूँ ... और नर्सिंग की कृपा से मुझ पे ...नर्सिंग भी आ जाता है ... सुबह से शाम तक फुर्सत नही है !!! 
आज की डेट में देहरादून के गुप्ता, अग्रवाल, गोयल , सब हमारे जजमान हैं !!!! वैसे भी बामणों की नई पीढ़ी तो इस काम को कर नही रही .... वो बी.टेक. फ़ी.टेक... में ही लगे हैं ...  तो हमने सोचा हम लोग ही ट्राई कर लें !!!! 
भरतु की ब्वारी ने भी चट से अपनी हथेली आगे की और बोली यार कबिता मेरा हाथ भी देख ले यार .....क्या क्या लिखा है बल जोग भाग में .!!!! कबिता बोली ... ऐसे चलते चलते हाथ नही देखा जाता कल घर पे आना ...और ऐसा कहकर अपना एड्रस दे दिया !!!! 

रात भर भरतु की ब्वारी को नींद नही आई ....और अगले दिन सुबह ही स्कूटी पकड़ कर कबिता के घर चली गयी ....!!! घर पहुंचकर देखा तो शानदार कोठी बनी थी .... अंदर हॉल में बड़े बड़े खड्ग ,त्रिशूल और नर्सिंग की मूर्ति लगी थी ... कुछ लोग बैठे थे ...और कबिता पर नर्सिंग आ रहा था .... !!!! 
कुछ देर बाद, जब लोग चले गए तो भरतु की ब्वारी भी अपना हाथ दिखाने लगी .... कबिता बोली .... यार देख ... तेरे जीवन मे कुछ कष्ट आने के संकेत हैं ... बच्चे भी चंचल हो रहे हैं ....पैंसा आ तो रहा है पर रुक नही रहा ...फालतू खर्चे भी बहुत हो रहे हैं ....भरतु की ब्वारी को लगा ... बात तो एकदम सही है .... फिर उसने घर का वास्तु भी बता डाला .... बोली ... किचन का दरवाजा पूरब में, बैडरूम का दरवाजा उत्तर में होना चाहिए .... लेट्रिन घर का  मुँह हमेशा ... पड़ोसी की तरफ होना चाहिए .... !!!
 फिलहाल तू ये मोती पहन ले ... और एक जप हम लोग कर लेते हैं ....!!! जब दक्षिणा की बात आई ....तो कबिता बोली....  तुझ से क्या दक्षिणा लेनी य्यार .... एक काम कर... मोती मोती के दे दे .... जब मोती का खर्चा बताया .... तो भरतु की ब्वारी की हवा गुम हो गयी .... सुबह सुबह 21 हजार ...???  कबिता ने भी भांप लिया ... बोली ... अभी नही हैं तो बाद में दे देना .... कल तेरे घर का वास्तु देखने आऊंगी ....!!!

 अगले दिन कबिता ने भरतु की ब्वारी के घर का वास्तु देखा तो बोल पड़ी.... अपडीबेका..बाबा रे बाबा...... कैसे रह रही तू यहाँ ??? इस मकान का वास्तु तो बहुत ही खराब है रे......और खुद ही फोन करके ठेकेदार और मजदूर भी बुला लिए  ...... धकापेल काम चलने लगा !!!!  धडाधड भरतु के मोबाइल पर एटीएम से पैंसे निकलने के मैसेज आने लगे .... पूरे तीन लाख खर्चा आ गया !!!! 
भरतु की ब्वारी के चेहरे पर जो थोड़ा बहुत ग्लो था भी वो भी टेंशन से कम हो गया ....और उधर कबिता, ठेकेदार से भी अपना कमीशन खा गई ... और वास्तु ठीक करवाने का अपना 51 हजार का बिल भी भरतु की ब्वारी को थमा गयी ....!!!! भरतु की ब्वारी खुद को बहुत चंट समझती थी .... पर धार के पल्ली पार कितने ढंट बैठे थे .???. उसको पता ही नही था !!!!

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source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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