भरतु और भरतु की ब्वारी शॉपिंग के लिए देहरादून के पलटन बाजार में घूम रहे थे !!! भरतु की ब्वारी ,देहरादून में कभी कभार कठमालियो की देखा देखी में जीन्स टॉप भी पहन लेती थी , इसलिए आज भी नीले रंग की जीन्स और रानी कलर के बाजू पर छेद वाले टॉप में एकदम टॉपम टॉप लग रही थी !!!
ब्वारी आगे आगे तो भरतु पीछे पीछे चल रहा था !!! भरतु भी सादे पेंट कमीज में ठीक ही लग रहा था पर बन्दूक उठाते उठाते और गोलियों की बमबारी से सुन्न जैसा रहता था !!! नौकरी में जेसीओ साब और घर में ब्वारी के आदेशों का सदैव अक्षरशः पालन करता था !!!!
भरतु को महसूस होता कि ज्यादातर आदमी लोगों की आंखे उसकी ब्वारी को ताड़ रहे हैं !!! ऐसा अक्सर होता भी रहता है ...ये इंशानी फिदरत का हिस्सा है .... कई आदमी लोग घूमते तो अपनी बीबी के साथ हैं पर नजरें हमेशा दूसरों की ब्वारियों पर रहती हैं !!!!
जब लोग भरतु की ब्वारी को भी ताड़ते तो इससे भरतु को थोड़ा सा अनकम्फर्टेबल सा जरूर फील होता था !!!
अचानक उनकी मुलाकात गाँव के जीतसिंह से हुई , दोनो उससे नजर बचाना चाहते थे पर ,जीतसिंह की नजरों से वो बच नही पाए !!!!
जीतसिंग देहरादून आता जाता रहता था ... वो नेताओं का चमचा था ...और पूरे इलाके का एक ऐसा शख्स था .... जो दूसरे को नाम रखने और चुगली करने का महारथी था .. बड़ा बड़बोला भी था!!!!
भरतु की ब्वारी को मिलते ही बोला---- बो जी ...बड़ी नमस्ते ....आज तो बोत दन्न लग रहे हो ....!!!! भरतु की ब्वारी बोली---- जैसा देश.... वैसा भेष दयूर जी.... !!! फिर थोड़ी बहुत बातचीत के बाद वो चला गया !!!
अब जित्तू ने गाँव मे ये बात नमक मिर्च लगाकर फैला दी कि..... भाई साब परसों भरतु की ब्वारी पलटन बाजार में मिली थी ...माँकसम.... हाफ कच्छे और एक फ़टी हुई टॉप में चश्मा दबाकर अंग्रेजीयाण बनकर घूम रही थी ... !!! पूरा पहाड़ी कल्चर खत्म कर दिया जी इन्होंने ... क्या सिखाएंगे ये नई पीढ़ी को ??? और एक वो भरतु ... ब्वारी का गुलाम बनकर लूरबुर लूरबुर उसके आगे पीछे ही चलता रहता है !!!
खुद जीतसिंग अपनी घरवाली से बहुत खौप खाता था .... उसकी ब्वारी नेलचामी पट्टी की ठोकदारों की बेटी थी ....सारे जमाने के सामने बड़बड़ बड़बड़ करने वाले जित्तू की उसके सामने हवा लीक रहती थी !!!! बताते हैं कि जित्तू की एक सक्कु फूफू है, जिनकी देहरादून में काफी प्रोपर्टी थी ...जिनकी कोई संतान नही हुई .... कुछ रिशेदारों ने उनको जित्तू का एक बच्चा गोद लेने की भी सलाह दी.... पर भरतु की ब्वारी ने उनको ,बच्चा गोद लेने की बजाय .... दो चार कुत्ते पालने की सलाह दी.... और आज उनके पास छह कुत्तों का भरा पूरा परिवार है ....उसी में अपना दिल बहला रहे हैं !!!
बताते हैं कि उनकी प्रोपर्टी के बगल पर ही भरतु की ब्वारी का प्लाट भी है !!!! अब आप ही सोचो ??? कि कुत्ते वफादार तो हो सकते हैं पर बुढापे का सहारा नही !!! कुत्ते कितने भी अच्छे हों पर इन्शान नही हो सकते !!!!
शायद इसी बात की वजह से भी जित्तू आये दिन भरतु की ब्वारी की गाँव मे खूब चुगली भी करता था !!!! जब इस बात की भनक भरतु की ब्वारी को लगी कि ....जित्तू ने उसकी जीन्स को कच्छा बताकर गाँव मे उसकी बदनामी कर दी है तो भरतु की ब्वारी ने जित्तू को तुरंत कॉल किया और अंट संट बक दिया .... बोली.... देखती हूँ इस बार कैसे जीतता है तू प्रधान का चुनाव ?? सब वोटर तो यहीं देहरादून से ही आने हैं .... अब मैं खुद ही तेरे खिलाप लड़ूंगी !!!! तुझे बुरी तरह न हराया तो मैं भी भरतु की ब्वारी नही !!!!
अब देखते हैं कि भरतु की ब्वारी आगे क्या रणनीति बनाती है ??
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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