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भरतु की ब्वारी -पार्ट--53 पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)

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भरतु की ब्वारी --पार्ट--53--जारी-नवल खाली

स्वतंत्रता दिवस के दिन  भरतु की ब्वारी व्रत रखती थी !!! ये परम्परा उसने तबसे शुरू की जब भरतु फौजी से उसकी शादी हुई थी !!!  भरतु भी इत्तफाक से आजकल देहरादून में ही छुट्टी काट रहा था !!! गाँव से पिताजी भी स्वास के इलाज के लिए देहरादून आये हुए थे !!! 
भरतु के पड़ोसी गुसाँई जी भी आज छुट्टी पर थे ....ज्यादातर लोगों की 15 अगस्त की छुट्टी ...घुट्टी लगाने में ही चली जाती है !!! गुसाँई जी को पता था कि 15 अगस्त को ठेका बंद रहता है , इसलिए वो 14 अगस्त की शाम को ही बोतल लाकर रख दिये थे !!! पर सुबह सुबह जब उनकी ब्वारी बेड के नीचे झाड़ू लगा रही थी ....कि खट्ट से बोतल लुढ़क गयी और फट्ट से फुट गयी ....!!!! बोतल फूटते ही ....गुसाँई जी की ब्वारी की हँसी भी छूट गयी ....बोली....दज्जा ...ठिक्क ह्वे ...!!! गुसाँई जी तेजी से दौडे और किचन से चम्मच और गिलास ले आये ....और फर्श में गिरी शराब को चमच से उठाने लगे .... !!!
बीबी हंसते हुए बोली--- इतनी तेजी से जवानी में खेल कूद में दौड़ते तो ओलंपिक जीत जाते !!!! 
पर बहुत देर हो चुकी  थी सारी शराब फर्श पर बिखर गई थी ...!!!! बड़ी मुश्किल से एक पैग ही हाथ लग पाया !!!!!
 सुबह सुबह गुसाँई जी का मूड ऑफ हो गया ....!!!! अब मूड ऑफ होने पर अक्सर शराब को ही लोग रामबाण दवा मानते हैं  ...गुसाँई जी ने पहले चाय छन्नी से वो बचा हुआ पैग छाना और घट्ट से पी गए !!!! पर एक पैग से उनको मुनारा हो गया !!!
गुसाँई जी को पूरा भरोषा था कि पड़ोसी भरतु भाई के घर कुछ न कुछ इंतजाम हो जाएगा !!!! तो सीधे पहुंच गए उनके घर ....!!!! औपचारिक बातचीत करने लगे ...!!!फिर देश के सैनिकों के बलिदान पर लेक्चर देने लगे .... फिर बोले --- भरतु भाई ...अगर मेरे हाथ मे कुछ होता न तो मैं फौजियों की तनखा अस्सी हजार रुपये महीना कर देता !!! 
गुसाँई जी ... पटायोलॉजी में पीएचडी थे ....फिर भरतु के सामने मोदी जी की खूब तारीफ करने लगे ....और राहुल के बारे में अंट संट बोलने लगे ....उनको पता था कि भरतु भाई का झुकाव बीजेपी की तरफ है !!!!फिर बात को घुमाते घमाते .... बोतल तक ले ही आये !!!!  और खिंसियाते हुए बोले--- आज स्वतंत्रता दिवस भी है तो आजादी की खुशी में पार्टी तो होनी चाहिए ??? 
भरतु भाई ने भी कॉन्टेसा रम की प्लास्टिक वाली बोतल में से एक हाफ गुसाँई जी को थमा दिया !!!! गुसाँई जी को इस पल बेहद खुशी का एहसास हो रहा था !!!! 
गुसाँई जी को भरतु के घर से आते हुए ...पड़ोसी रावत जी ने भी देख लिया ... रावत जी बेहद कंजूस थे .... फ्री की शराब मिल जाय तो पी लेते थे ...पर अपना ढेला भी खर्च नही करते थे ....तभी तो तीन सालों में ही तिमंजिला मकान बना दिया था !!!! वो भी कुछ देर बाद भरतु भाई से मिलने जा पहुंचे और एक क्वाटर लेकर ही लौटे !!!! 15 अगस्त के दिन फौजी भरतु भाई से पड़ोसियों की बड़ी अपेक्षा रहती थी !!!!
फिर बीष्ट जी आये ,पुरोहित पंडित जी आये ....नेगी जी का लड़का आया ....बोला अंकल प्लीज 800 रुपये ले लो पर एक बोतल का इंतजाम कर दो !!!! 15 अगस्त के दिनभर भरतु भाई का पूरा कोटा ही खत्म हो गया !!!!!!!!!
इधर दिनभर भरतु की ब्वारी का व्रत था ...शाम को सारे व्यंजन बनकर तैयार थे ... सबको खिलाकर ...खुद की थाली सजी हुई थी ....भूख से पेट मे चूहे दौड़ रहे थे ....जैसे ही घी में लतपत्कार रोटी को पनीर की भुज्जी में डुबाकर मुँह में रखा ही था कि ...अंदर कमरे से ससुर जी की खांसने और स्वास के बाद जिलारा थूकने की ध्वनि ने बेचारी को विचलित कर दिया !!!! अब पनीर और घी लगी मुँह में आधी चबाई रोटी निगले या उगले ??? कुछ समझ नही आया ?? ससुर की खांसी और थूकना बंद ही नही हुआ ......!!!! पास ही बैठे भरतु ने तेज फौजी दिमाग लगाया और ....हेड फोन पर गाने लगाकर ....अपनी ब्वारी के कानों पर हेडफोन लगा दिया !!!! हेड फोन पर देशभक्ति के गाने सुनते सुनते अब वो आराम से घी में लतपत्कार रोटी और पनीर की भुज्जी खाने लगी !!!!!



source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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