भरतु की ब्वारी की-देवरानी- पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)


गाँव में भरतु की ब्वारी का एक देवर था ...नाम था धरमु..!!! धरमु ने भी फौज में बहुत ट्राई की पर घुटने मिलने की वजह से हमेशा मेडिकल में बहार होता गया !!! साथ वाले दोस्तों की  शादी भी हो गयी ,बच्चे भी हो गये तो अब धरमु का मन भी शादी के लिए हिलोरे मारने लगा !! आखिर ...कौन नही चाहता कि ..टाइम पर शादी हो जाय...और रात में अपनी बीबी की बनाई हुई दो चार रोटी खा जाय !!! पर बेरोजगार धरमु मजबूर था , अगर देहरादून में प्लाट होता ,तो भी कोई लड़की दे देता ...पर धरमु के पिता ने रिटायर होने के बाद ,घर मे ही डब्बे डब्बे टाइप के कमरे बनाये हुए थे ...फौजी आदमी जो ठहरे !!! 
उपनल से आने वाली नौकरियों की टंकी में भी कई जुगाड़बाजो के कनेक्शन फिट थे , इसलिए इस नल की मुख्य टोंटी जरूरतमन्दों के लिए सूखी पड़ी थी !! धरमु के पिता भी घूस्याट (जिद) करने लगे कि कहीं दिल्ली, देहरादून ,चंडीगढ़ जाकर नौकरी कर ले , और कुछ हो न हो...शादी तो हो ही जाएगी ..और अभी जब तक मैं और त्येरी माँ है ..पिंशन से तुमारा पेट तो पाल ही लेंगे !!! अब धरमु देहरादून गया तो अपने भरतु भैजी के घर रुका और नौकरी ढूंढने लगा !! चार- पाँच हज़ार से ज्यादा कहीं बात न बनी !!! एक तो जवान लड़का...खुद के ही पचास खर्चे..सिगरेट.तम्बाकू से लेकर...कभी कभार एक दो पैग और मोबाइल की एम.बी. के लिए इस महंगाई में पाँच हज़ार में क्या होता ?? सेलाकुई फेक्ट्रियो में भी गया ..पर वहाँ नौकरी लगाने वाला मुजफ्फरनगर का बिचौलिया ठेकेदार एडवांस बीस हज़ार और छः महीने तक दो हज़ार एक्स्ट्रा की माँग करने लगा !!! उत्तराखण्ड के कोने कोने में करप्शन के कीड़े लग चुके थे..!!!जिससे आम आदमी की पहुँच से सारी चीजें दूर होती जा रही थी...जबकि अभीतक की सरकारो के चमचे... राम राज्य बता रहे थे !! धरमु हताश ,परेशान ..एक हफ्ते,दस दिन से भाभी जी के यहाँ रह रहा था !!! अब भरतु की ब्वारी भी परेशान होने लगी थी..क्योंकि धरमु की चढ़ती जवानी थी तो सोलह सत्रह रोटी और दो चार कटोरे दाल पीकर..एक डमडमा गिलास भी आम के साथ पी जाता था..!!! दो चार लम्बे डकार लेकर हरिओम बोलना वो अपने पिता से बचपन से सीखा ही था !!! कमबख्त...भाभी के हाथ मे स्वाद भी तो गजब था...धीत ही नही भरती थी !! देहरादून एक जगह उसने नौकरी करने का मन बनाया....वो एक डिपार्टमेंटल स्टोर था , जहाँ पहाड़ी उद्पाद मिलते थे ..कोदा, झंगोरा, कोणी, पहाड़ी दालें, चावल आदि !!! काफी समय से भरतु के ही घर मे रह रहा था !!! भरतु की ब्वारी भी परेशान हो गयी ...एक तो इस महंगाई में खुद के ही पचासों खर्चे ,ऊपर से एक साँड़ जैसा धरमु भी जो कभी शाम को आते हुए आजतक भुज्जी तक नही लाया !! 
भरतु की ब्वारी करे भी तो क्या ?? एक तो बच्चो का स्कूल..मायके भी नही जा सकती !!! और उसको बोले भी तो क्या ?? फिर भरतु की ब्वारी की माँ ने अपनी बेटी को हमेशा की तरह ही एक गुरु मंत्र दिया !!!! 
धीरे धीरे धरमु भी बो जी के रंग ढंग से वाकिफ होने लगा...शुरू में पतली पतली श्रीदेवी की तरह खूबसूरत रोटी मिलती थी..पर अब ललिता पँवार जैसी अख्खड रोटियाँ, दाल में भी नमक मिर्च इतना कि धरमु को प्रातःकाल दिक्कत होने लगी !! अब बेचारे के डकार भी बंद हो गए थे !! 
 उधर गाँव मे पिताजी ने लड़की ढूंढ ली थी सुनकर मन ही मन प्रसन्न भी था !! छुट्टी लेकर सबसे पहले लड़की देखने जा पहुंचा !! लड़की भी ठीक ठाक ही थी...!!!बात बन गयी और शादी पक्की हो गयी !!! देहरादून गया और अब हेडफोन लगाकर अपनी होने वाली ब्वारी की पसंदीदा चीजे पूछने लगा ...और शर्माते शर्माते फोनपर ही भुक्की (पप्पी) माँगकर रातें काटने लगा !!! भरतु की ब्वारी का उसको भगाने का पहला प्रयास खाली गया !! वो आराम से रूखा सूखा ही खाने लगा ,क्योंकि आजकल उसको खाने से ज्यादा ब्वारी से बात करने की इच्छा होती !! भरतु की ब्वारी ने एक दिन उसको कह दिया...देवर जी अब शादी भी होने वाली है तो कमरा ले लो !! देर सबेर आपको भुल्ली और बच्चो को लेकर देहरादून तो आना ही पड़ेगा !!! 
धरमु ने कुछ नही कहा और अगले दिन गाँव ही निकल गया !!क्योंकि  जल्द शादी भी थी !! अब शादी भी हो गयी !! दो महीने से घर मे ही पड़ा था !! नौकरी भी छोड़ दी थी !! अब धरमु की ब्वारी भी उससे घूस्याट करने लगी कि ऐसे ही कैसे चलेगा ?? पेंशन से भी बच्चे कब तक पलेंगे ??धरमु को रात दिन वो ताने मारने लगी !!! उसने खुद ही एक भैंस ले ली और सबज्जियाँ भी उगाने लगी !! गरीब की बेटी थी ..मेहनत जानती थी !! धरमु को वो अब डेली 20 लीटर दूध और सब्जी देकर नजदीकी बाज़ार में भेजने लगी और शाम को हिसाब किताब लेने लगी !! धरमु ने भी देखा देखी में अब उसका हाथ बंटाना शुरू कर दिया !!!अब दोनों मेहनत करके कोदा झंगोरा भी उगाने लगा और देहरादून के डिपार्टमेंटल स्टोर में बेचने लगा !!! उधर भरतु की ब्वारी भी धरमु के जाने से खुश थी और इधर धरमु और उसकी ब्वारी गाँव मे एक नई इबारत लिख रहे थे !!!



source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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