भरतू की ब्वारी के मायके पक्ष से अभी तक भरतु की स्याळी का वर्णन आपने पिछली कहानी में पढ़ा !!! अब आपको बताते हैं , भरतु की ब्वारी की भाभी के बारे में !!!!भरतु की ब्वारी का भाई था श्यामू !!
श्यामू की ब्वारी (बीबी) ने भी अच्छी एजुकेशन के लिए बच्चे गाँव के नजदीकी कस्बे में शिफ्ट कर दिए थे !!! अब वो देखा देखी में श्यामू से जिद करने लगी कि स्कूटी ला दो !!! देहरादून में भरतु भैय्या की ब्वारी को देखो ...कैसे स्कूटी में च्वां च्वां बनी हुई है !! एक हाथ छोड़कर भी चलाती है बल !!!!
श्यामू कोपरेटिव बैंक में संविदा पर चिपका हुआ था !!! जिसे भरतु के देहरादून निदेशालय में तैनात मौसा जी ने सोर सिफारिश से पूरे लाख रुपये में लगवाया था !! दस बारह हजार उसको वेतन मिल जाता था , उसमे भी दो हज़ार बच्चो की स्कूल फीस , हज़ार रुपये ट्यूशन फीस , राशन पाणी, कमरे का किराया, अब शहर में आकर तो खर्चे भी बढ़ गए थे ...कभी करवा चौथ का खर्चा , कभी बर्थ डे का खर्चा , गाँव में तो स्वांली पकौडी में निपट जाता था पर यहाँ केक से लेकर गुब्बारे लाने में... श्यामू की हवा भी टाइट रहती थी !!! खुद आजतक एक जोड़ी कपड़े तक नही ला पाया था !! खुद पर खर्चा सिर्फ तम्बाकू का था !! बोतल तो बैंक में कभी कभार तीन चार दिनों में नसीब हो ही जाती थी...जब किसी का लून (लोन) पास हो जाता था तो ....बोतल वही पकड़ा देता था !!!
इधर अब बीबी का स्कूटी के लिए घुस्याट...... (जिद) करने से वो टेंशन में आ गया !!! उधार पगाल ,कर्ज कपाल करके एक सेकेण्ड हैंड स्कूटी पन्द्रह हज़ार में ले ली !!! स्कूटी ली तो.... पार्टी का खर्चा अलग से बढ़ गया !!! चलानी श्यामू को भी नही आती थी !! अब नई समस्या खड़ी हो गयी थी !!!
पड़ोस में ही कॉलेज का एक बांका जवान रहता था !! बीबी ने उसको सिखाने के लिए कहा तो सहर्ष तैयार हो गया !!! श्यामू देखता था कि वो लड़का बहुत चिपक के उसकी ब्वारी को स्कूटी सीखा रहा है.. तो बेचारे के स्क्रू ढीले होने लगते और बी.पी. बढ़ जाता था !! कहता भी तो क्या ?? करता भी तो क्या ??
हालांकि बीबी पर तो भरोषा था पर आजकल के रोमियो का क्या ?? वो तो इन लम्हो के इंतज़ार में रहते हैं !!! खैर बीबी का थोड़ा बहुत हाथ साफ हो गया !!! मार्केट में चश्मे पहनकर स्कूटी कुदाने लगी !!! एक दिन एक मारुती वाला.... स्कूटी ठोककर रफू चक्कर हो गया !! बीबी तो सलामत थी पर स्कूटी पर बहुत खर्चा हो गया !!! अब कभी ....स्कूटी का पंचर तो कभी बैटरी प्रॉब्लम हो जाती थी !! इस स्कूटी के चक्कर में श्यामू बड़ा टेंशन में आ गया !!
नई सरकार आ गयी तो संविदा वालो को हटा दिया ,श्यामू की नौकरी भी चली गयी !!! श्यामू का मन तो कर रहा था कि नुवान (निवान) खाकर इस जिन्दगी को टाटा बाय बाय कर दे ...पर बच्चो का ख्याल आया !!! गाँव में अपने इष्ट देवता नृसिंग भेरों के थान ( स्थान) में आया और प्रार्थना करने लगा कि हे भगवान इस मुसीबत से पार लगा दे , मैं अगले सावन में तेरी पूजा करूँगा !!!
अगले ही दिन श्यामू ने बोरी बिस्तरा पैक किया और गाँव लौट आया !!! दो भैंस और एक जर्सी गाय रख ली !!! गाँव से कस्बा भी नजदीक ही था , अब श्यामू की ब्वारी स्कूटी में दोनों बच्चो को स्कूल छोड़ने जाती है और साथ में तीस लीटर दूध और कुछ सब्जी भी !!!! श्यामू गाय भैंस की अच्छी देखभाल कर रहा है और सुबह शाम दूध , मख्खन , घी ,दही, हरी भुज्जी, मंडुवे की रोटी खाकर टेंशन मुक्त जीवन जी रहा है !!! जारी-नवल खाली!!
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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