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घन्नू की घनघोर दास्तान-पार्ट- 02 पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)


घन्नू की घनघोर दास्तान--- पार्ट- 02--- जारी--- नवल खाली

घन्नू की घनघोर दास्तान के पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा कि ... घन्नू नामक युवक घनघोर बेरोजगारी से जूझ रहा था कि अचानक उसे घनघोर मुहब्बत हो गयी !!!! अब पढ़िए आगे---- 
घन्नू टाटा सूमो में बैठे बैठे ही एक लड़की की मुहब्बत का शिकार हो जाता है ..फिर दोनो एक दूसरे को मोबाइल नम्बर दे देते हैं , लड़की का नाम बबली था !!! लड़की देहरादून के कोचिंगवाला में कोचिंग करने आई हुई थी और फिलहाल चक्कू मोहल्ले में तेज छुरी बनी हुई थी !!! घँनु , देहरादून में नौकरी ढूंढ़ रहा था और फिलहाल अपनी भाभी भरतु की ब्वारी के घर राजावाला मे टिका हुआ था !!! 
घन्नू , अब भरतु की छत पर देर रात तक बबली के मोबाइल पर इंगेज चल रहा था !!! बरसात के मौसम में देर रातों को छत पर छाता लेकर भी बबली से वार्तालाप में मशगूल रहता था !!! सुबह 09 बजे उठता था !!! फिर नाश्ता करके निकल जाता और सीधे बबली से मिलने गांधी पार्क पहुँच जाता  !!! 
घनघोर बेरोजगारी में जूझ रहे घँनु के लिए ये घनघोर मोहब्त आसान नहीं थी !!! चाउमीन ,मोमो ,खाने के लिए उसे कई बार , भगवान के दरबार की मदद लेनी पड़ती थी !!!! 
घँनु , घण्टाघर के नजदीक माता मंदिर में दर्शन करने के बहाने जाता और मूर्ति के अगल बगल पड़े सिक्कों व दस के नोटों को बड़ी चतुराई से उठा ले आता !!! उन्ही से फिलहाल गर्लफ्रेण्ड के लिए चोमिन मोमो का इंतजाम करता था !!! 
घर से भी घन्नू को अब पैंसे मांगने में भी शर्म आती थी ...क्योंकि अपने रिटायर पिता की पेंशन का काफी पैंसा आजतक वो खर्च कर चुका था !!!

इसी बीच एक दिन की बात है ....घन्नू की गर्लफ्रैंड बबली जोकि बिना मोबाइल के एकपल भी नहीं रहती थी ,  एक दिन सुबह सुबह की बड़ी बेदर्द घटना है !!! बबली सदैव की भांति नित्य प्रातः टॉयलेट में मोबाइल लेकर घुसी ...पर जब टॉयलेट से बदहवास बाहर निकली तो उसके चेहरे की हवाइयाँ उड़ी हुई थी ... उसकी आवाज को मानों देवों ने हर लिया था !!!!  उसका बेशकीमती मोबाइल घन्नू से बात करते करते अचानक हिंदी टॉयलेट के लेट्रिन पॉट के मुँह में समा गया था और बबली के मुंह से चिल्लाते हुए ....सिर्फ एक ही शब्द निकला .... उई माँ ....!!!  
उधर से घँनु हेलो हेलो करता रह गया ...बबली की तरफ से ...सन्नाटा छा गया !!!! घँनु ने ...बबली का अंतिम शब्द ...उई माँ सुना !!! 
फिर नम्बर मिलाता रहा ...पर अब उसका नेटवर्क सीवर लाइन की लाइन में फुस्स हो गया था  !!! 
घँनु बेचैन हो गया ...!!! उसके मन मे गलत अंदेशे होने लगे कि....कहीं गर्लफ्रैंड के साथ ...कुछ अनहोनी न हो गयी हो !!!! 
दरअसल  इसी दिन घँनु की एक कम्पनी में नौकरी का भी पहला दिन  था ...वो कम्पनी की तरफ बबली के साथ बात करते करते आगे बढ़ ही रह था कि अचानक ये घटना घट गई !!!!  घटना क्या घट गई साब ....घँनु की तो फ़ट गयी ...!!! 
अब कम्पनी पे गेट पर स्तब्ध खड़ा ...बार बार बबली का मोबाइल नम्बर मिला रहा था ...!!!! जब नम्बर लगा ही नही तो कम्पनी से सीधे गर्लफ्रेंड की दिशा में आगे बढ़ने लगा !!!! करीब दो घण्टे बाद ...बबली के मोहल्ले में पहुँच गया !!!  रूम पर पहुंचा तो ....बबली बदहवास बैठी थी,बाल बिखरे थे ...आंखे सूजी थी ... ...घँनु को देखकर ही ..लिपटकर रोने लगी !!!!  
घँनु को अब पूरा विश्वास हो गया था कि बबली के साथ कुछ न कुछ गलत घटना घट गई है !!!! घँनु बोला--- घबराओ मत बबली....मैं तुम्हारे साथ हूँ  ...दुनिया चाहे कुछ भी बोले ....मैं अपनाऊंगा तुंझे !!!! 
पर किसने किया ये सब तुम्हारे साथ ??? कौन है वो कमीना ??? मैं उसे जिंदा नही छोडूंगा !!!!  
ये सब सुनकर ....बबली ....  हंसने लगी !!!....बोली ...क्या बकवास कर रहे हो ??  
और फिर रुंवासी होकर तुतलाकर  बोली......अले ...जानू ...मेला मोबाइल.... तुमसे बात कलते कलते ... लेटिन के गड्ढे में गिर गया ....!!!!! अब घँनु की भी हंसी छूट गयी !!!! 
वो मोबाइल के गायब होने के अंतिम घटनास्थल पर मुआयना करने लगा !!!! लेटिन सीट के मुर्गे नुमा सुरंग को  अपनी बारीक नजरों से भेदने लगा !!! घँनु भी चिंतित होने लगा कि बिना मोबाइल के बबली से कैसे बात हो पाएगी ?? और पैंसे भी नही है जो तुरन्त मोबाइल लिया जा सके !!!! घँनु ने एक अंतिम प्रयास किया ...और लैटिन सीट के मुर्गे के कंठ के अंदर हाथ डाल दिया ..... आखिर ..ये कमबख्त मुहब्बत भी न जाने उसकी कैसी परीक्षा ले रही थी ??? 
लेटिन पॉट में जहां तक उसका हाथ जा सकता था ...उसने डाला ...!!!! और कहते हैं न ...कि ...कोशिस करने वालों की हार नही होती !!! सचमुच घँनु की मेहनत रंग लाई .... और गड्ढे के अंदर उसे मोबाइल की टांग  पकड़ में आई ....!!!! और झट से उसने मोबाइल को ऊपर खींच लिया !!!! वो बिल्कुल वैसे ही चिल्लाया..... जैसे आर्कमिडीज नामक वैज्ञानिक ...नई खोज करने के बाद.....यूरेका ...यूरेका चिल्लाया था !!!! वैसे ही घँनु भी चिल्लाने लगा ...  मिल गया ...मिल गया !!!! 
बगल पर ही खड़ी बबली की खुशी का ठिकाना न रहा ...और उसने तुरन्त अपने प्यारे मोबाइल को चूम लिया ....पर चूमने के बाद ...उसका मुँह देखने लायक था !!!! दोनो खिलखिलाकर हंसने लगे !!!! 
क्रमशः--- अगले पार्ट में पढ़िए घन्नू की घनघोर दास्तान का एक और मजेदार किस्सा !!!!!






source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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