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कलम के सुबेदार /पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)


एक कलम के सिपाही थे .... सिपाही क्या थे साब?? ... कलम के सुबेदार समझो !!!! वर्षों पहले लगातार हाईस्कूल में धक्कापेल, फेल होने के बाद , इंदिरा गांधी की बदौलत दुरस्त शिक्षा से किसी तरह इंटरमीडिएट पास कर लिया !!!! 
अब आगे क्या किया जाय ?? यहाँ आकर गाड़ी रूक गई !!! नौकरी ढूंढ ही रहे थे कि एक अखबार के दफ्तर में ऑफिस बॉय की जरूरत थी तो कुछ दिनों के लिए दो ढाई हजार में वहीं चिपक गए !!! अब अखबार के दफ्तर में उन्होंने देखा कि बुजुर्ग ,युवा ,अधिकारी ,कर्मचारी,नेता जो भी आता ... कम उम्र के पत्रकारों को भी नमस्कार करता , बड़ी इज्जत करता !!!! कभी कभार नेता लोग पार्टी का भी इंतजाम कर लेते !!!  किसी की गाड़ी का चालान छुड़वाना हो .... दारू की दुकान से इंतज़ाम करवाना हो .... किसी का ऑफिसों में फंसा काम करवाना हो ...पत्रकार उसको चुटकियों में कर लेते थे !!!! कुलमिलाकर पत्रकारों की इस इज्जत और रौब से कलम के सुबेदार बड़े ही प्रभावित हुए !!! अब थोड़ा बहुत कम्प्यूटर पर अँगुलियाँ भी फिराने लगे ...और कुछ ही समय बाद एक लोकल अखबार के  पत्रकार बन गए !!!!  अपनी फेसबुक आई.डी.पर भी शुरुवात में पत्रकार फलाना सिंह लिख दिया !!! अब जहाँ भी ऑफिसों में जाते ...ख़ूब रौब झाड़ते थे !!!  शराब की दुकानों से अपनी बोतलें बंधवा दी .... इंजीनियरों को भी कॉल करते और समय समय पर धन लेते रहते थे !!! 
अब कलम के इस सुबदार की सूबेदारी खूब  चलने लगी !!! आर.टी. आई. लगाकर विभागों पर दवाब बनाने लगा ..... कमजोर अधिकारियों की नसें दबाने लगा !!! धीरे धीरे कलम के इस सुबदार ने देहरादून में जमीनों के धंदे शुरू कर दिए ....बड़ी गाड़ी ले ली !!! कोठी बन गयी !!! सत्ता के गलियारों तक हनक बना ली !!!
अन्य पत्रकार जिनके साथ ये कलम का सुबेदार कभी ऑफिस बॉय का काम करता था ... उनकी अँगुलियाँ key paid ..पर  घिस गयी .... बेचारे जनसरोकारों के लिए लिखते लिखते .... सुपारी चबाते चबाते ... आज भी जबरदस्ती .... जनसरोकारों को लिखने में जुटे हैं !!!
इन पत्रकारों को मेरा ग्रेट सलाम !!! जारी-- नवल खाली !!!



source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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