बाबा जी का ठुल्लू/पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)


    हिन्दू ,मुस्लिम ,ठाकुर ,ब्राह्मण, एस सी.एसटी. में बंटने वाले देशवासियों जरा गौर से सोचो-- 
कुल वोटिंग का 55% ही वोट डालने जाएगा । जिसमें से 10% वोटर ऐसा है जो दारू मुर्गे ,पैंसे पर वोट करेगा, 5% वोटर अपर लेवल का वोटर है ,जैसे अम्बानी टाइप । जो हो सकता है वोटिंग के दिन ही किसी अर्जेंट मीटिंग में फॉरन कंट्री में हो । बाकी बचा 40% वोटर जोकि मिडिल क्लास से है । सरकार की कोई भी योजनाएं मिडिल क्लास के लिए कभी नही होती , लोन पर भी सब्सिडी होगी ...या तो अपर क्लास के लिए या लोवर क्लास के लिए । देश की राजनीति मिडिल क्लास तय करता है पर उस मिडिल क्लास को पेट्रोल ,गैस, राशन पानी, साग, सब्जी , तक चीजों का डेली सामना करना पड़ता है । मिडिल क्लास के किसी व्यक्ति को यदि 50 हजार भी सेलरी मिलती है तो , उसको साल भर में डेढ़ दो लाख तो टेक्स ही चुकाना पड़ता है , जिस टेक्स के पैंसे से सरकार के नुमाइंदे हवाई सैर करते हैं । कुलमिलाकर देश की राजनीति तय करने वाले मिडिल क्लास के लोगों के लिए सरकार की कोई भी योजनाएं नही होती । दोस्तों भक्त बनो पर ऐसे भी नही कि .. जैसे बाबाजी  बोलें वैसे ही चलते रहो । सीता भी साधुओं की बड़ी भक्त थी , इसलिए रावण ने बाबा का भेष धारण कर उसको ही हर लिया । जातियों , धर्मो में मत बंटो, क्योंकि हर दिन हर मिडिल क्लास व्यक्ति घर से रोजगार के लिए निकलता है , अपने परिवार के सपनो को पूरा करने के लिए दिनभर जद्दोजहद करता है , और सरकार की तरफ से उसको क्या मिलता है ? बाबा जी का ठुल्लू?



source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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