भरतु की ब्वारी दिवाली पर गाँव गयी थी तो सुबह सुबह एक फेरीवाले की कर्कश और तीखी आवाज सुनकर उठ गई !!! फेरीवाला तेजी से आवाज लगा रहा था.....भेल्लो ले लो .... भेल्लो ले लो .....!!! एक भेल्लो के साथ पांच रेडीमेड स्वांली पकौड़ी फ्री !!! भरतु की ब्वारी ने उसे बुलाया तो उसने बताया कि ....एक भेल्लो....500 रुपये का है और इसके साथ 5 रेडीमेड स्वांली पकौड़ी फ्री हैं बहनजी !!! फिर भरतु की ब्वारी ने दो भेल्लो आठ सौ में ले लिए !!!!
अब देहरादून वापस लौटकर भरतु की ब्वारीअपने आस पड़ोस में दीपावली की मिठाई बाँट रही थी !!! भरतु की ब्वारी अपनी पड़ोसी रावत जी की मिसेज को बता रही थी ....कि.... अरे दीदी अब गांवों में भी पुरानी वाली बात नही रह गयी है !!! लोगो के पास रुप्या पैसा तो खूब हो गया है ...पर आपसी प्रेम बहुत कम हो गया है !! लोग अपने तक सिमट गए हैं !!! बग्वाली में गाँव मे मर्द बोतलों में व्यस्त रहते हैं और महिलाएं स्वांली पकौड़ी बनाने में !!!
फिर बताने लगी कि ...इनका तो दो महीने का कोटा ...एक दिन की ही बग्वाल में निपट गया !!! जिसको न पिलाओ वो नाराज....और जिसको पिलाओ...उसकी ब्वारी नाराज !!! करें तो क्या करें ???
अब लोग स्वांली पकौड़ी भी पसन्द नही कर रहे ....इसलिये हमने भी रेडीमेड स्वांली पकौड़ियों में ही काम चलाया !!! पहले लोग ...खूब भेलो खेलने जाते थे ...पर अब लोग बाग ...खाना पीना खाकर टुप्प सो जा रे हैं !!!!
तभी पड़ोसन रावत जी की ब्वारी भी कहने लगी ....अरे भुल्ली !!! पहले पहले तो हम भी दिवाली मनाने खूब गाँव जाते थे ....पर अब ...हमारे गाँव के तो सभी परिवार यहीं देहरादून में ही है तो वहाँ जाकर भी क्या करना !!!!
इस बार दीपावली में भरतु की ब्वारी ने गाँव की नई नवेली दुल्हनों को देहरादून प्लाट लेने के लिए भी प्रेरित किया था !!! उनको साफ साफ ये मन्त्र दे दिया था कि.....यहाँ गाँव मे रखा ही क्या है ?? पढ़ी लिखी बहु हो ....पुंगड़ो खेतों में काम करने के लिए ही इतनी पढाई लिखाई की है क्या ?? अपना और अपने बच्चो का भविष्य सही चाहिए तो देहरादून आ जाओ !!!! तुनवाला में आजकल बहुत प्लाट हैं और बहुत सस्ते भी हैं !!!
इस प्रकार भरतु की ब्वारी ने इस दीपावली पर भी एक दो नई ब्वारियाँ को देहरादून पलायन करवा दिया !!!
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