भारती एक सामान्य परिवार की बेटी थी !!! पिता प्राइवेट जॉब में दिल्ली में थे और माँ गृहणी !!! नयन नक्श भी सामान्य थे , कान थोड़ा बड़े थे !!! आँखे भी बड़ी और काजल से पुती रहती थी !!!
भारती कॉलेज में आ चुकी थी , ये भी बड़ा इतफाक था कि आजतक किसी भी लड़के ने उसे प्रपोज नही किया था , इस बात का उसे मलाल भी था !!! उसकी रूम पार्टनर जोकि हर वक्त हेडफोन लेकर अपने बॉयफ्रेंड से चिपकी रहती थी ...उससे उसे बड़ी ईर्ष्या भी होती थी !!! ऑक्टोक्सीन हार्मोन का लेवल उसका भी बढ़ता जा रहा था !!!
एक दिन कॉलेज से आते वक्त एक लड़के ने उसे अपनी बाइक पर लिफ्ट देनी चाही तो ...उसने मना कर दिया !!! रूम पर आने के बाद उसके दिमाग मे वो लड़का घुमने लगा ...उसे इस बात का अफसोस होने लगा कि क्यों उस लडके को उसने मना कर दिया , रात भर सो न पाई !!! अगले दिन पुनः वो घटना घट गई ...इस बार वो मना न कर सकी !!! फिर बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया !!! और मोबाइल नम्बरों का आदान प्रदान हो गया !!! कच्ची उम्र का प्यार ...पक्की सड़को पर बाइक पर दौड़ने लगा ...लड़के ने एक हफ्ते के बाद ही भारती को एक डायमंड रिंग गिफ्ट कर दी !!! अब तो भारती का प्यार और भी गहरा हो गया !!!
लड़के ने बताया कि उसका घर यू.पी. में है और वो बी.बी.ए. करता है ...घर का इकलौता है !!! अब दोनों ने जीने मरने की कसमें भी खा ली !!! भारती गाँव की पृष्ठभूमि से थी तो 21 साल होते ही शादी की बातचीत चलने लगी !!! उसने जब ये बात लड़के को बताई तो लड़के ने योजना बनाई कि उसके घर यू.पी. में जाकर शादी कर लेंगे ...इस विश्वास के लिए उसने फोन पर भारती से अपनी माँ की भी बात करवा दी !!!
और फिर एक दिन भारती और वो लड़का भाग गए !!! भारती को लेकर वो लड़का सीधे कलकत्ता पहुंच गया !!! कुछ दिन ये कहकर ...उसे वही रखा कि ...मामला थोड़ा शांत होने के बाद वापस लौटेंगे !!! धीरे धीरे भारती को ये पता चला कि वो लड़का एक मुस्लिम परिवार से था ....पर उसे इस बात से कोई फर्क नही पड़ता था ...क्योंकि वो सिर्फ इतना जानती थी कि ...ईश्वर ने सबको एक जैसा ही बनाया है ...सबका खून एक जैसा है ...और प्यार तो पवित्र होता है ...जो भावनाओ के मिलन से पनपता है !!!! प्यार के आगे भारती अपने पिता , माँ, भाई, बहनों को भी भूल चुकी थी !!! पर धीरे धीरे प्रेम का पारा घटने और ऑक्सीटोसिन हार्मोन के चरम बिंदु छूने पर उसे गलती का सा एहसास होने लगा था !!!
फिर भारती को पता चला कि वो प्रेग्नेंट है ...!!! लड़के ने फिलहॉल कलकत्ता में ही रूम ले लिया और उसे ये कह दिया कि अब वो यहीं रहेंगे !!! इस घटना को तीन साल हो गए ...इन तीन सालों में भारती ...चार बच्चो की माँ बन गयी !!! लड़का एक महीने उसके पास रहता और फिर अगले साल ही आता ...वो भी बच्चो की ममता में विवश होकर जिल्लत भरी जिंदगी जीने लगी !!!
और एक दिन जब वो लड़का कलकत्ता पहुंचा तो उसके साथ ....अपनी दूर की रिश्तेदार पिंकी और उसके दो बच्चो को देखकर आश्चर्यचकित हो गयी !!! उसे लगा कि कोई तो अपना इतने सालों बाद दिखा ....पहले तो दोनों एक दूसरे के गले मिली ..!!! फिर लड़के ने बताया कि ...अब तुम दोनों यहीं रहोगी !!! जब दोनों को पता चला कि ...दोनो का पति और उनके इन बच्चो का पिता वही लड़का है तो दोनों उसपर चिल्लाने लगी !!! लड़के ने सीधे और सटीक शब्दो मे कह दिया कि ...जाओ ..दोनो इन बच्चो को लेकर अपने गाँव चली जाओ !!! तुम दोनों आजाद हो !!!
दोनो आजाद होते हुए भी पिंजरे में फंस चुकी थी !!!
इस प्रकार पाँच सालो में ही दोनो दस बच्चो की माँ बन चुकी थी !!! कलकत्ता में ही चूल्हा चौका करके अपने बच्चो का पेट पाल रही थी !!! दोनो को अपनी कच्ची उम्र के इस प्यार पर बड़ा रोना आ रहा था ...पर अपने ही कारणों से उन्होंने अपनी जिंदगी नरक में धकेल दी थी !!!
अब वो सिर्फ बच्चा पैदा करने की मशीन बन चुकी थी !!! जिसको कि आतंकवादियों के एक संगठन द्वारा पहाड़ो में संचालित किया जा रहा था ...जहाँ से भोली भाली लड़कियों को फंसाकर ...बच्चे पैदा करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा था !!!!
नोट-- अपने आस पास पनपने वाली ऐसी प्रेम कहानियों से उनके अभिवाहको को जरूर सचेत करें !!! ताकि भारत माँ की बेटी भारती किसी आतंकी संगठन की बच्चा पैदा करने की मशीन न बन सके !!!
जारी-- नवल खाली -- कहानी के घटनाएं, पात्र, काल्पनिक हैं !!! किसी से इनका लिंक मात्र संयोग माना जायेगा !!!
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