देहरादून में कांवली रोड पर एक साँवली सी लड़की रहती थी !!! देहरादून में कोचिंग करती थी ....और भविष्य के सुनहरे सपनो के बारे में सोचिंग करती थी !!! लड़की के मम्मी पापा सुदूर पहाडों में नौकरी बजा रहे थे ...और अपनी लड़की के स्वर्णिम भविष्य के सपने सजा रहे थे !!! लड़की भी कोचिंग कर रहे एक बेरोजगार लड़के के प्रेम ।जाल में थी....फिलहाल मजनू की लैला ...वाले हाल में थी ...!!!!
दोनो अक्सर घण्टो बैठकर ....अपनी शादी की कार्ययोजना बनाते रहते....और घड़ी घड़ी आई लव यू जानू ...कहकर प्यार जताते रहते !!!! समय, दिन, महीने ऐसे ही जा रहे थे .... अब धीरे धीरे लड़की को ढेरों शादी के रिश्ते भी आ रहे थे ...!!! लड़की कैरियर का बहाना बनाकर टाल रही थी ....और फिलहाल अपने लिए टेंशन पाल रही थी !!! लड़की और लड़के ने समूह ग का पेपर दिया था ..और..अब उसका परिणाम आ चुका था !!! लड़की विकास विभाग में बाबू बन गयी थी ....!!!! लड़का हमेशा की तरह ...कुछ ही नम्बरों से रह गया था ...और खुद को सामान्य जाति होने के नाते कोश रहा था ....और अपने इष्टदेव से प्रार्थना कर रहा था कि ....हे... ईश्वर....अगले जनम में मोहे....आरक्षण वाली जाति में ही जन्म दीजो !!!!
अब लड़की बाबू बन गयी थी ...तो लड़की के घरवाले ने भी प्रवक्ता , लेक्चरर , बड़े बिजनैसमेन टाइप लड़के सर्च करने शुरू कर दिए !!! इधर लड़के को भी ...उम्मीद जगी कि लड़की बाबू बन गयी है ...तो ...अब लॉटरी टाइप लग ही गयी और जीवन भी मजे से कट ही जाएगा ...अभी दिख रहा जो अंधेरा...वो भी एक दिन छंट ही जाएगा !!!!!
लड़की बड़ी डेडिकेटड थी ...लड़की ने अपने घरवालों से अपनी प्रेम कहानी का जिक्र किया ....और अपना निर्णय सुना दिया कि शादी उसी लड़के से करूँगी ...!!!! घरवालो को जब पता चला कि ...लड़का अभी बेरोजगार है तो ...उनको इस प्रेम कहानी में ..मजा नही आया !!!! सबने लड़की को मना किया कि ऐसा निर्णय मत ले ....पर लड़की जिद्दी प्रेमिका थी ....!!!!घरवालो ने बहुत समझाया कि प्यार व्यार सब धोखा होता है ....ये सिर्फ कुंवारेपन तक का एक भरम है ...असल जिंदगी में इसका कोई महत्व नही ....असल जिंदगी में तो जिम्मेदारी और आपसी समझ ही सबसे ज्यादा जरूरी है !!! पर लड़की को समझ न आया और घरवालो के निर्णय के विरुद्ध शांति कुंज हरिद्वार में शादी रचा ली ...!!!
लड़का धीरे धीरे अकर्मण्य टाइप हो गया ....बीबी की तनखा पर पलने लगा ...!!! अब लड़की खाना बनाने के बाद कभी उसको बर्तन धोने के लिए कहती तो उसको तौहीन लगती ...उसका मानना था कि खाना बनाना, बर्तन धोना, कपड़े धोना , झाड़ू मारना सब महिलाओ का काम है ...इसी बात पर तु तू मैं मैं होने लगी ....जल्दी ही लव का हब ....डब डब कर डूबने लगा ....कुंवारेपन का आई लव यू ...शादी के बाद ....मुरझाने लगा ...!!!! जब जिमेदारियाँ बढ़ने लगी तो ...प्यार का सूचकांग ...गिरने लगा !!! जल्दी ही दोनों के बीच तलाक की नौबत आ गयी !!!!
लड़का तो किसी भी कीमत पर उसे तलाक नही देना चाहता था पर लड़की के लिए उसके साथ रहना बहुत ही टफ होता जा रहा था ...!!! और अंत मे लड़की ने दहेज का मुकदमा दायर कर लड़के से किनारा कर लिया ....!!! एकाकी जीवन जीने लगी ...माँ बाप की बाते याद आने लगी !!! कुछ समय बाद उसने एक लड़की को गोद ले लिया और उसी के सहारे जीवन काटने लगी ....उसे अब समझ आ चुका था कि प्यार, व्यार , इश्क ,विस्क जैसी चीज सिर्फ भरम है ....ये फिल्मो की मार्केटिंग और आपसी नर-मादा के बीच होने वाले अट्रेक्शन से ज्यादा कुछ भी नही होता !!!!
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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