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भरतु की ब्वारी का न्यू ईयर /पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)



भरतु की ब्वारी न्यू ईयर की सुबह से ही चकाचक बनी हुई थी .... मन्दिर की दिशा में निकल पड़ी थी कि कमबख्त गुसांईं #Gusain जी की बिल्ली ने रास्ता काट दिया !!! दो बार दाएं बाएं थूका और किसी अन्य व्यक्ति का इंतज़ार करने लगी  जो बिल्ली के  रास्ता काटने के बाद उस रास्ते को भेद दे !!!  जब देर तक कोई न गुजरा तो गुसांईं जी की बीबी को हल्की फुल्की गाली टाइप देती हुई मन्दिर की दिशा में बढ़ गयी !!!  मन्दिर में जल चढ़ाने ही वाली थी कि लोटा हाथ से फिसल गया !!! परेशान हो उठी !!! घर वापस लौटी तो मूड खराब था !! अखबार में राशि पढ़ने लगी ...साला राशि वालो ने भी अंट संट लिखा था .. कि मंगल पर राहु की दशा ... शनि पर केतु की नजर ...दशम भाव मे शनि की  साढ़े साती आदि आदि !!! साल का पहला ही दिन और ये सब घटनाक्रम ?? सरदर्द होने लगा !!! गैस में दूध रखा था .. वो भी आज भाड़ पड़ गया था !!! साल का पहला ही दिन था और इस प्रकार के घटनाक्रम जारी थे !!! तुरन्त अपनी माँ को फोन मिलाया और इस बारे में बताया !!! माँ भी इन मामलों की जानकार महिला थी !! देवी देवता सम्बन्धी माँ ने भी कई खण्ड खेले थे !!! तुरन्त ही गाँव के जाने माने पंडित सिम्वाल जी के पास गई और बेटी की दुविधा बताई !!! सिम्वाल जी ने सारी गणित भिड़ाई तो ... पता चला कि ससुराल के देवता नराज हैं !!! ससुराल के देवी देवतों के बारे में तो सास ससुर ही जानते थे !!! उनसे भरतु की ब्वारी का टॉकटाइम कम था !!!  भरतू भी जब छुट्टी आता तो एक रात ही गाँव मे रूक पाता बाकी समय देरादून ही ब्वारी के सानिध्य में रहता !!! 
अब भरतु की ब्वारी ने जब भरतु को ससुराल के देवता नराज होने वाली बात के बारे में बताया तो भरतु ने  तुरन्त अपने मामा को फोन मिलाया !!! मामा ने बताया कि ...बेटा भरतु तुमारे सबसे बडे देवता हैं तेरे माँ बाप ... जो वास्तव में तुमसे नराज हैं !!! तू उनको पैसा पाई सब देता है ... पर पैसा पाई से ही जीवन नही कटता .... प्यार ,प्रेम और सेवा भी जीवन मे जरूरी है !! तू भला मान ... या  बुरा ... पर तेरे से तेरे असली देवता नाराज हैं !!!! भरतु ने जब ये बात अपनी ब्वारी को बताई तो .....  कहने लगी ... मामा जी बड़े वकील बने हैं .... अपड़ा नि देखण बल हाल... अर  दूसरा ते देण स्वाल !!!! मामा जी भी खुद बाल बच्चो के साथ दिल्ली है और बूढ़ी माँ  गांव में ?? तब कुछ नि !!! 
फिर भरतु की ब्वारी भरतु पे ही गरम होने लगी !!! और कहने लगी ... छि तुमको तो कुछ पूछना ही बेकार है !!! फिर तुरन्त ही एक पुरानी सहेली का फोन आ गया !!! काफी देर तक चुगलियों का दौर चलता रहा !!! जब जमकर सास की ...इसकी ...उसकी ... चुगली की .. तब जाकर जिकुड़ी पर छपछपी पड़ी !!! और दोनों एक दूसरे को हैपी न्यू ईयर कहते हुए खिलखिलाने लगी !!!! जारी-- नवल खाली



source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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