आजकल पहाड़ों में एक गीत बड़ा फेमस हो रहा है म्येरी बामणी !!! दरअसल जिस बामणी पर ये गीत बनाया गया है वो बामणी , भरतु की ब्वारी के खासमखास बामण सिम्वाल जी की ही बामणी है !!!
जिसको भरतु की ब्वारी प्यार से बामणी बो भी कहती है !!!
भरतु की ब्वारी को जब इस बारे में पता चला कि बामणी पर बना गाना बड़ा हिट हो रहा है और उसपर बामण लोग नाराज भी हो रहे हैं तो उसने सबसे पहले बामणी को ही फोन किया !!!!!!
बोली--- बामणी जी मैंने सुना बल ...आजकल तुम बहुत छा रखी हो ... और ऐसा कहते ही खितखित हंसने लगी !!!! सिम्वाल जी की बामणी बोली--- क्या करना भुल्ली ...तुम्हे तो पता ही है ...तुम्हारे बामण सिम्वाल जी ...दिन रात बट्टा (रास्ते) लगे रहते हैं ...आज छोल पूजाई....भोल.... एडी अछरी पूजाई ... कभी कुछ पूजाई ...पर हाथ मे नही रखते एक भी पाई .... धन हो इनकी जजमानी को !!!! बामण तो गरीब आदमी होता है भुल्ली ....आजकल तो लोग दक्षिणा देने में भी कंजूसी करते हैं .....!!!!
भरतु की ब्वारी बोली--- अरे दीदी ...हम तो खूब दक्षिणा देते हैं भई ...अपने सिम्वाल जी को ...जब हमारे इस छोटे वाले का मुंडन था ...तो हमने तो पूरे 501दिए थे ...बाकी ....यामू धौर ...तामु धौर वाले अलग !!!
बामणी बोली--- बोत मेहनत का काम है भुल्ली जजमानी ...!!!! दिन भर गजाननम भूत से लेकर ....स्वाहा स्वाहा करने तक ... गले की नलखि ही सूख जाती है !!! ऊपर से देवता नही तूसा तो ...उसकी जिम्मेवारी भी हमारी !!! 501 रुपया तो आजकल ...ध्याडी वाला भी ले रहा भुल्ली !!! आज भी भात बनाने के 101 रुपये मिल रहे ... दिनभर चुलडे पर शरीर तचाओ ....फिर घाम में गरम गरम भात की परात में हाथ जलाओ !!! तब तुम लोगों को खिलाओ ... और खुद लास्ट में खाओ !!!
भरतु की ब्वारी बोली--- बात तो ठीक है बामणी जी ...पर हम जजमानों के भी तो बोत खर्चे हैं .... सबसे ज्यादा छैल झपेटा , घात अहंकार, देवता दोष भी तो हम पर ही होता है ....हम तो सालभर बामण को रोजगार ही दे रे !!!! बिना बामण तो हमारा कुछ काम ही नही चलता !!! चलो ओजी की जगह पर तो बेंड बाजा हो जाएगा !!!पर बामण की जगह तो बामण ही चाहिए ....बामणी भी नही चलेगी ....और भरतु की ब्वारी खितखित हंसने लगी !!!
बामणी बोली-- भुल्ली बामण जजमान का रिश्ता तो एक परिवार की तरह है भुल्ली !!! जो वर्षों से चल रहा है और हमेशा ही चलता रहेगा !!! अब जब सरकारों ने सब चीजों के रेट बढ़ा ही दिए हैं तो जजमानों को थोड़ा दक्षिणा तो बढ़ानी ही चाहिए ...भुल्ली !!!! ऐसा कहकर बामणी भी खितखित हंसने लगी !!!
भरतु की ब्वारी बोली--- धन हो #म्येरीबामणी जी ....और धन्य हैं हमारे बामण सिम्वाल जी और साथ ही धन्य च हमारी धियाँण हेमा नेगी करांसी तें जो आप लोगों ने बामणी जी को फेमस कर दिया !!!! फिर बोली ....जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं .....उनपे मैं अपने घाघ बामण सिम्वाल जी का देबता लगवा दूंगी हां ..... ऐसा बोलते ही भरतु की ब्वारी फिर अपने चिरपरिचित अंदाज में खितखित हंसने लगी !!!!!
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
ये भी पढें
- उत्तराखंड की भौगोलिक संरचना
- उत्तराखंड की जलवायु
- उत्तराखण्ड में नदियाँ
- उत्तराखण्ड की मिट्टियाँ
- उत्तराखण्ड में प्राकृतिक बनस्पति एवं वनों का वितरण
- उत्तराखंड पर्यावरण सुरक्षा योजना
- उत्तराखंड का इतिहास
- स्वतंत्रता आन्दोलकन में उत्तराखंड की भूमिका
- उत्तराखण्ड संघर्ष का सफरनामा
- पृथक उत्तराखंड के संघर्ष का इतिहास
- उत्तराखंड की शासन प्रणाली
- उत्तराखंड - औद्योगिक एवं कृषि अर्थव्यवस्था
- उत्तराखंड में ऊर्जा संसाधन
- उत्तराखंड में शिक्षा और शैक्षिक संस्थान
- उत्तराखंड में परिवहन के साधन
- उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां व अनुसूचित जनजातियों के लिए संवैधानिक संरक्षण
- उत्तराखंड विविध विकास योजना व आर्थिक कार्यक्रम
- उत्तराखंड : वन्य जीव, राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव विहार
- उत्तराखंड जनस्वास्थ्य, नीतियां एवं उपलब्धियां
- उत्तराखंड में सहकारिता आंदोलन
- उत्तराखंड पर्यटन नीति
- उत्तराखंड के प्रशिद्ध बुग्याल
- उत्तराखंड के प्रमुख पर्व एवं मेले
- उत्तराखंड की विविध कलाएं : वास्तुकला, मूर्तिकला एवं मंदिर
- उत्तराखंड के लोक संगीत, लोक निर्त्य,लोक कलाएं
- उत्तराखण्ड : ललित कलाएँ
- उत्तराखंड में चित्रकारी
- उत्तराखंड के प्रमुख गीत व संस्कार
- उत्तराखंड की भाषा , छेत्रिय भाषा , बोली
- उत्तराखण्ड का लोकसाहित्य
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं पार्ट 2
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं पार्ट 3
- गढ़वाली शादियों में गालियां ओर मांगलिक गीत
- उत्तराखंड से सम्बंधित अन्य कोई भी जानकारी (euttra.com)
Follow Us