बेटे की शादी निपटाने के बाद रावत जी बहुत खुश थे !!! तडतडे घाम पर बैठे खटाई बना रहे थे !!! बगल पर ही धर्मपत्नी सिलबट्टे पर घ्ररया नमक पीस रही थी !!!! तभी नई नवेली दुल्हन आयी तो सास ने कहा...ब्वारी तू जरा नमक पीस ले ...तब तक मैं दाल भात बनाती हूँ .... सिलबट्टे पर नमक पीसने की बात सुनकर .... बहु भी तपाक से बोल पड़ी.....माँजी पथ्थर पर नमक पीसना मुझे नही आता ... मिक्सी दे दो...मैं पीस लुंगी ...!!! ये सुनकर ससुर जी भी बोल पड़े.... कि जो मजा सिलबट्टे के नमक में है वो मिक्सी में नही !!!! तो बहु भी बोल पड़ी ...कि मैंने आजतक कभी नही पीसा ...!!! ये सुनकर ...रावत जी का बालक आ गया ..और खुद ही नमक पीसने लगा !!! ये देखकर ....उसकी माँ का गुस्सा तीव्र हो गया ...!!!! कहने लगी ....इतनी गुलामी भी ठीक नही ...आजतक जब हमने तुझे किसी काम के लिए बोला तो ...तूने उल्टा पत्तल....सुल्टा नही किया ....और आज देखो तो .....!!!!
बस फिर कलह शुरू हो गया !!! किसकी खटाई...??? किसका नमक ??? सबने मुँह फुला दिया और अपनी अपनी दिशाओं में चले गए !!!!
रावत जी का बेटा दिल्ली कम्पनी में था ...!!! रात को पिताजी के पास दो पैग पीकर आया और बोला ...पिताजी.... इसके अभी एम.ए. के पेपर भी हैं...और घर मे पढाई भी नही हो पाएगी ... इसलिए हमने नजदीकी कस्बे में एक टू रूम सेट भी देख रखा है .... तो कल सुबह सामान लेकर वहाँ शिफ्ट कर रहा हूँ !!!!
रावत जी भी दो पैग पीकर बैठे हुए थे ..बोले...साला त्येरी शादी में इतना खर्चा किया ....और अब बुढापे में जब हमें ब्वारी की सेवा की जरूरत है तो तू इसको शिफ्ट कर रहा है !!!! लड़का भी दो पैग के नशे में तो था ही.... तपाक से बोल पड़ा.... तो...न्यूते के पैसे का भी हिसाब बता दो...मेरा भी बहुत खर्चा हो रखा है ...!!! अब न्यूते के पैसो पर बाप बेटे में ठन गयी ...!!! फिर से कलह हो गया !!!!
बेटे ने भी सुबह एक ट्रक बुक किया और दहेज में मिला... सोफा सेट , डबल बेड, ड्रेसिंग टेबल और अन्य भांडे कुंडे उठाये और नजदीकी कस्बे में ब्वारी को ले जाकर कमरा सेट करवा दिया !!!
पिताजी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे थे !!!! लोग जब पूछने लगे तो ...गम छिपाते हुए...हंसते हुए बताते कि.... ब्वारी की पढ़ाई भी जरूरी है साब ....गाँव की इस खेती पाती में अब रखा ही क्या है ?? कल के दिन नाती पोते होंगे तो तब भी कमरा लेना ही था ...इसलिए अब पहले
से ही सब इंतज़ाम करना पड़ता है !!!
आजकल धीरे धीरे एकल परिवार में रहने की प्रवर्ति और.... मैं...मेरी ब्वारी और मेरे बच्चे तक इन्शान सिमटता जा रहा है !!! हर चीज कॉम्पेक्ट होती जा रही है !!! परिवारों में प्रेम भाव का ग्राफ घटता जा रहा है !!! जारी--- नवल खाली !!!
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