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ईमानदार भृष्टाचारी- पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)


उत्तराखण्ड के एक मलाईदार विभाग में वर्षो से नौकरी करते थे !!! आज भगवान भैरवनाथ और देवी माँ की कृपा से देहरादून में मकान था ,जिसके आगे थोड़ा बहुत बाड़े सगोड़े भी थे ...जिनमे शुरुवाती दिनों में उनकी मिसेज खूब साग - भुज्जी भी उगाती थी ....पर अब धीरे धीरे बड़े साहब लोगो की देखा देखी में उन्होंने उसमे लॉन टाइप बना लिया था ...जिसमें दूब जमी थी और एक झूला लगा था !!! 
बचपन बड़ी ही गरीबी में कटा था ...उस समय कभी कभी ...अपनी देवी के पास चढाये हुए रुपयों ....या काकर ( छत) पर रखे उचाणो के पैसों (देवताओ की पूजाई हेतु रखी धनराशि ) से ही नमक तेल का इंतज़ाम करना पड़ता था !!!! धीरे धीरे थोड़ा बहुत पढ़ लिख गए थे और एक मलाईदार विभाग में बाबू बन गए !!! शुरू शुरू में मार्च फाइनल करते समय झिझकते भी थे ....पर धीरे धीरे इस जोड़ घटाने में निपुण बन गए ....अब तो क्या मजाल जो ऑडिट वाला भी मीन-मेख  निकाल दे !!! हिसाब का मिझान फिट बिठाने की वजह से साहब के भी बहुत चेहते बनकर चहकने लगे !!!! 
उत्तराखण्ड बनने के बाद इनके सर पर बहुत ही हिसाब किताब बैठाने की जिम्मेवारी आ गयी थी !!! विधायको के भी खास बन चुके थे !!! दिखने में बेहद सीधे सज्जन लगते थे ....नजर वाला चश्मा...छपोडकर तेल लगाये हुए ...दो दर्जन बाल ...!!! क्लीन शेव...!!! मटमैले रंग की कमीज पेंट... हाफ बुरसल्ट ...और एक्शन सूज के सफेद जूते पहनकर...जब सौम्यता से बात करते तो ....दिव्य पुरुष लगते थे !!! दूसरे डिपार्टमेंटो के भृष्टाचार पर बेहद सौम्यता से कहते...हद हो गयी भाई साब.....इन लोगो का तो कोई ईमान धर्म ही नही है ....अपने ही विभाग के लोगो के पैसे खा जाते हैं !!!  और खुद कोई भी मौका नही छोड़ते थे ....भगवान की दया से ...अपने बच्चो के लिए रफ कॉफी, रजिस्टर, पेन, रबड़ ऑफिस से ला लाकर....जनता के पैसो पर खूब रबड़ लगाते थे .....और हर महीने...ऊपरी कमाई को भी रबड़ में बांधकर घर की अलमारी में रखते चले जाते थे !!!
घर मे नवरात्रे , महाविद्यापाठ , रुद्री पाठ ,यज्ञ आदि खूब करवाते थे !!! उत्तराखण्ड बनने से भले ही आम जनता का कोई फायदा हुआ हो या न हुआ हो ...पर इनकी जिंदगी में एक दर्जन चाँद लग गए थे !!! साब को भी पैसे कमाने के नए नए तरीके बताते थे ....हिसाब फिट था ...30 इनका 70 साब का ....!!! 70 में से 50 नेताओ का बाकी 20 साब का !!! 
कभी कभार पूजाई में गांव जाते थे तो ...लोग सुबह से ही उनको घेर लेते थे कि ...हमारे लड़को को भी कहीं चिपका दो ....!!! सबको आस्वासन देते थे ...उनमे से कुछ से एडवांस भी ले आते थे ....और जुगाड़ करके पिछले दरवाजे से संविदा पर चिपका देते थे !!! उन लोगो की भी खूब दुवाएँ खाते थे !!!  रुपये कमाने में इतने व्यस्त रहते कि कई बार भोजन भी समय से नही कर पाते थे...व्यसन सिर्फ गोल्डन तम्बाकू का था ...वो भी काम की अधिकता की वजह से कन्सन्ट्रेशन बनाने के लिए चबाते थे !!! कभी कभी उस तम्बाकू पर बने विभत्स केंसर के चित्र को देखकर डर भी लगता था ...पर मैं कभी नही मरूँगा की अवधारणा के साथ जी रहे थे !!! उत्तराखण्ड बनने के बाद देहरादून में दो बीघा जमीन और बीबी के लिए चार पांच किलो तक स्वर्ण आभूषण ही बना पाए थे !!!    लड़कियों के पास स्कूटी थी और लड़के के पास सवा दो लाख की बाइक है !!! उनको ये लगता था कि जो भी वो ऊपर की कमाई करते हैं ये तो उनका हक है , ये तो उनका बनता ही बनता है !!!!
बोलते थे ....ये उत्तराखण्ड आज हम लोगो की बदौलत चल रहा है भाई साब ....जब यूपी था न...तो यहाँ बहुत भृष्टाचारियो और देशियों का अड्डा था !!! गन्द मचा रखी थी ...सालो ने ....वो तो हम लोग हैं जो अब थोड़ा बहुत इसको ढर्रे पर ले आए हैं !!! वरना यहाँ तनखा के लाले पड़ जाते ....वो तो सारे हमारे पहाड़ के ही मुख्यमंत्री और मंत्री  हैं जो इस उत्तराखण्ड को भृष्टाचार मुक्त बनाने के लिए दिन रात एक किये हुए हैं !!! देखो कितने बड़े बड़े होल्डिंग लगे हुए हैं ...जीरो टॉलरेंस के !!!
कुल मिलाकर...इन महाशय का एक ही फंडा है ....अपना काम बनता....भाड़ में जाय जनता !!!! यदि आपके आस पास भी ऐसे शख्स मौजूद हैं तो जरूर शेयर कीजियेगा !!! 
उत्तराखण्ड के शहीदों को सत सत नमन !!! 
जारी---नवल खाली



source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

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