उत्तराखण्ड के सुदूर गाँव मे बच्चों की स्कूल की छुट्टियाँ हो गयी थी !!! नौंवी कक्षा की परीक्षा दे चुके सोनू के लिए ये छुट्टियां कोई पिकनिक नही थी , न ही मौज मस्ती के दिन, या फिर नानी ,बुवा, मौसी के घर जाने का भी ये कोई अवसर नही होता था!!!!
सोनू के पिता की वर्षो पहले एक दिल दहलाने वाले हादसे में मौत हो गयी थी !!! अब उसकी दो छोटी बहनें और माँ ही ,उसका संसार थी !!! छुट्टियों में सोनू , कभी बद्रीनाथ तो कभी केदारनाथ ,होटलों में काम करने निकल पड़ता था !!! जहाँ सोनू ,सीजन के दो महीने काम करके बीस हजार तक तनखा और बीस हज़ार , अपने हरफन मौला व्यवहार, और मेहनत से कमा लेता था...जब वो चालीस हजार ,अपनी माँ के हाथ मे देता था तो एक सकूँ दोनो माँ बेटे की आँखों में साफ दिखलाई पड़ता था !!!
सोनू , यात्रा के दो महीनों में काफी कुछ जीवन की इस प्रयोगशाला में सीखता था ... जैसे साइकिल चलाना, बाइक चलाना, गाड़ियाँ आगे पीछे करवाना , और साथ ही साथ गुजराती ,राजस्थानी, हरियाणवी, पंजाबी, अंग्रेजी और धाँय फांयँ वाली हिंदी भाषा !!!!
एक यात्री ने खुश होकर सोनू को एक सैमसंग का फोन भी दे दिया था , और कुछ अन्य अमीर यात्रियों ने अपने बच्चों के कुछ कपड़ों में से ब्रांडेड जीन्स, टी शर्ट भी उसको दे दी थी !!!
जब घर लौटता था तो अपने नजदीकी कस्बे से अपनी छोटी बहनों के लिए फ्रॉक, चप्पल, जूते, माँ के लिए सूती धोती, और गुलाब जामुन का डब्बा जरूर ले जाता था !!! सोनू को गुलाबजामुन बहुत पसंद थे ...!!! एकबार गाँव में शिवचरण गुरुजी ने अपने बेटे की शादी में हलवाई बुलाकर खूब पकवान बनाये थे ...!!! लेकिन गुलाबजामुन बाँटने की ड्यूटी खुद ही कर रहे थे , फिर भी सोनू उनकी आँखों मे धूल झोंककर , चार बार गुलाबजामुन माँग चुका था !!! जिनको वो छुपाकर घर ले गया था ...और दो दिनों तक सुबह बासी रोटी के साथ बड़े चाव से खाता रहा !!!!!
सोनू धीरे धीरे गाँव के नजदीकी स्कूल से इंटर पास कर चुका था !! जल्द खुद के पैरों पर खड़ा होने के लिए , फौज में भर्ती होने के अलावा ,कोई विकल्प भी उसके पास न था !!! एक दो बार ..भर्ती होने गया पर घुटने आपस मे मिलने की वजह से भर्ती से बाहर हो गया !!! फौज में भर्ती होने की उम्मीद भी टूट चुकी थी !!!
समूह ग की तैयारी करने लगा , जंगल मे गायों के साथ जाता और वहीं पढाई भी करता !!!! परीक्षा भी दे दी ....रिजल्ट भी आ गया पर सोनू कुछ ही नम्बरों से रह गया !!! बहुत टेंशन में आ गया !!! फिर कुछ दिनों बाद रोजी रोटी की तलाश में घर से दिल्ली चला गया !!! वहाँ होटलों में काम करने लगा !!! दिल्ली में उत्तरखण्ड के पलायन पर चिंतन का एक कार्यक्रम था , वहाँ पर सोनू , होटल की तरफ से वेटर का काम कर रहा था !!!
मंच पर भाषणों का दौर चल रहा था , सभी लोग पलायन को लेकर भाषणों में चिंतित नजर आ रहे थे , दूसरी तरफ सोनू उनको चाय,कॉफी सर्व कर रहा था !!! कोई कह रहा था , सरकारें निकम्मी हैं इसी वजह से पलायन हो रहा है , कोई कह रहा था ... पहाड़ में सुविधाओं के अभाव में पलायन हो रहा है ,सभी अपने विचार रख रहे थे !!!
सोनू इन सारी चीजों को सुन रहा था !!! अचानक अगले ही दिन सोनू ने होटल में काम करना छोड़ दिया और मोहल्ले में ही एक नाई के यहाँ काम करने लगा !!! कुछ ही दिनों बाद , काम सीखकर पहाड़ों में लौट आया !!! सोनू ने अपने बाल भी स्टायलिश बना लिए थे , खूब स्मार्ट भी था !!! उसने जल्दी ही अपने गाँव से चार जिले छोड़कर एक कस्बे में एक दुकान का खोका ले लिया ,और सोनू जेंट्स एन्ड लेडीज हेयर कटिंग का बोल्ड लगा लिया !!!! एक ब्राह्मण जोकि सोनू की दुकान पर कटिंग के लिए आता था , उसने सोनू को सलाह दी कि...बोर्ड पर ...हिन्दू हेयर ड्रेसर ...भी लिख ले !!!! फिर सोनू ने बोर्ड पर .. नाम रख लिया ... सोनू हिन्दू सैलून !!!! फिर सोनू के यहाँ भीड़ लगने लगी !!! कुछ ही समय बाद सोनू ने शानदार दुकान ले ली और हज़ारों रुपये कमाने लगा !!! पर सोनू ने अपनी पहाड़ी पहचान ,उस कस्बे में छुपा के रखी !!! वो खुद को देहरादून का देहाती बताता था !!! एक रुपये की ब्लेड, पचास पैंसे की क्रीम , और कैंची पर 1 रुपये की धार लगाकर ... तीस से पचास रुपये कटिंग से बढ़िया मुनाफा , सोनू को किसी और धंधे में नही लगा !!! अब सोनू ने दुकान में कारीगर रख लिए और दो चार और हिन्दू नाई की दुकानें खोलकर , अपने इस बिजनिस से देहरादून प्लाट ले लिया ,बहनों की शादियाँ कर ली ,अब सोनू की शादी की बातचीत चल रही है !!! सोनू ने खुद के लिए ...ओनली ब्यूटीफुल लेडीज सैलून..... की काँच वाली चमचमाती दुकान खोल ली , जिसमे कम्प्यूटरीकृत कटिंग करने लगा !!!! जहाँ दो चार लड़कियाँ भी सोनू पर फिदा हैं ....लगता है सोनू की लव मैरिज होगी !!!! सोनू अब जेंटलमैन बन चुका था !!!!
सादर
source:- https://www.facebook.com/bhartukibvaari/
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