Total Count

Subscribe Us

भरतु की ब्वारी के जीजा जी - पढ़े ! भरतु की ब्वारी के किस्से(BHARATU KI BWARI)


भरतु की ब्वारी के जीजा जी ,फौज से बोल्ड पेंशन लेकर रिटायर  हो चुके थे !! गांव में ही राशन पाणी की दुकान चलाते थे !! उनकी दुकान में ए टू जेड...सब मिल जाता था !! खूब मेहनती आदमी थे, सुबह चार बजे उठकर , कसरत करते थे !! रामदेव के अनुलोम विलोम में उनका ज्यादा विश्वास न था !! वो कहते कि ..रामदेव के अनुलोम विलोम तो आलसी लोगो के लिए हैं !! घर मे खूब सब्जियाँ भी उगाते थे !! आजकल जब टमाटर 60₹ किलो थे ,उन्होंने 55₹ के हिसाब से काफी टमाटर बेचे !! 
वो देहरादून सेटल होने के कभी पक्ष में नही रहते ...कहते थे ,पढ़ाई तो बहाना है साब ...!! पढाई करने वालो को प्राइमरी में पढाओ या सेंट फर्राटा इंटरनेशनल स्कूल में कोई फरक नही पड़ता !!! बच्चो को ऐसी पढाई देकर भी क्या करना ?? जो गाँव को ही भूल जायें, अपने देवी देवताओं को ही भूल जाएं ...!!! इस बात पर एक दिन उनकी अपनी स्याळी भरतु की ब्वारी से बहस हो गयी थी !!!
भरतु की ब्वारी कहने लगी...जीजा जी ..क्या है उन पहाड़ो में?? न ढंग का कोई स्कूल ?? न हॉस्पिटल ?? न रोजगार?? ऊपर से आपदा का डर ?? उसके जीजा जी ने भी तर्क दिया ...आज स्कूल भी हैं और टीचर भी अच्छे एजुकेटेड लड़के हैं ,पर जब छात्र संख्या ही नही तो वो भी क्या करें ?? रही बात हॉस्पिटल की तो हर समय कोई बीमार नही होता !! पहाड़ो में जो लोग ताज़ी हवा और घर का शुद्ध खाना, दाल, सब्जियाँ, दूध,घी,मख्खन खाते हैं बीमार कम पड़ते हैं !! और रोजगार की भी कोई कमी नही ....अब ऐसा तो हो नही सकता कि हर लड़का सरकारी नौकरी पर लगे ...स्वरोजगार वाले तो मशरूम उगा रहे हैं, सब्जियाँ, जड़ी,बूटियां उगा रहे हैं ..अच्छा पैसा कमा रहे हैं ?? और अगर यहाँ पहाड़ो में आपदा है तो क्या देहरादून में एक्ससीडेंट नही होते...वहाँ तो हर दिन खड़े खड़े लोगों को गाड़ियाँ रौंद देती हैं ...हर दिन दसियों मर्डर होते हैं...बदमाश घरों में घुसकर परिवारों को खत्म कर लूट पाट कर लेते हैं !!! कितनी ही लड़कियों और महिलाओ से बलात्कार और छेड़छाड़ हो जाती है !! देख भई स्याळी ये तो पहाड़ो से भागने के बहाने हैं ...सिखासौर (देखादेखी) है !! हमारा बच्चा तो खुद ही पढता है ...यही सरकारी स्कूल में है ...न उसकी ट्यूशन है ...न कोचिंग...!! फिर भी तुझे तो पता ही है हाई स्कूल का टॉपर है !!! घर के सारे काम भी करता है...सुबह पानी भरता है...अपने कपड़े और अपनी माँजी के कपड़े भी धुलता है ...कभी कभी दाल भात भी बनाता है !!! मैं तो नही मानता कि देहरादून जाकर बच्चा बड़ा साब बन जायेगा !!!स्याळी को चिढाने वाले अंदाज में कहने लगे.... नकलची बांदर हो रे स्याळी तुम लोग !!!
स्याळी को कुछ कहते न बना तो बोली......छि भई जीजा जी ...आपसे बहस में आजतक कोई जीत पाया क्या ???



source:-  https://www.facebook.com/bhartukibvaari/

ये भी पढें