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(4) प्रकीर्ण
प्रकीर्ण के अन्तर्गत कुमाऊँनी लोक साहित्य में लोकोत्तियाँ, पहेलिया तथा मुहावरे सम्मिलित हैं. 
    लोकोत्तियाँ का अर्थ है-जनसामान्य का कथन, जनसामान्य की उसी उक्ति को लोकोक्ति कहा जा सकता है जो अपनी अभिव्यक्तिगत विलक्षणता के कारण समस्त जनसमूह की स्वीकार्यता प्राप्त कर लेती है, प्रारम्भ में व्यक्ति विशेष द्वारा प्रयुक्त होती है एवं बाद में सार्वजनिक होकर लोकोक्ति का रूप धारण कर लेती है. लोकजीवन में लोकोक्तियों का प्रयोग नीति परक सूक्तियों की तरह होता है. क्योंकि ये मानव जीवन के अनमोल रत्न हैं अनुभवों से प्राप्त होते हैं तथा समाज में प्रकाश फैलाने की अद्भुत क्षमता होती है.
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