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क्या है गंगोत्री धाम का महत्व | उत्तराखंड के चार धामों में से एक | जानिए यहां |Gangotri (Uttarkashi)




उतरकाशी से गंगोत्री, मनेरी, भटवाड़ी, गंगनानी, सुक्खी और झाला आदि सुन्दर स्थानों से होते हुए लंका नामक स्थान है. उत्तरकाशी से लंकाच्टी 87 किमी की दूरी पर है. लंकाचट्टी से 13 किमी की दूरी पर गंगोत्री का मन्दिर है. गंगोत्री के मन्दिर में गंगा, यमुना, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती एवं अन्नपूर्णाजी की मूर्तियाँ हैं. महाराजा भगीरथ की भी मूर्ति यहाँ है. गंगोत्री में गंगा उत्तर की ओर मुड़ती है, जहाँ केदारगंगा का संगम है.  गंगाजी
पर्याप्त ऊँचाई से शिवलिंग पर गिरती है और उसी के समीप गौरीकुण्ड है. यहाँ पर अनेक धर्मशालाएँ व रहने की सुन्दर व्यवस्था  है.

गंगोत्री से गोमुख की दूरी 28 किमी है. यही गोमुख से भागा पृथ्वी पर नीचे की ओर वड़े वेग से निकलती है, यह
विशुद्ध हिम जल है, जो रिस रिस कर एकत्र होता है और गोमुख में प्रकट होता है. गोमुख से 2-3 किमी की दूरी पर
नन्दनकानन की फूलों की भव्य घाटी है,

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