गोचर का मेला
उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा यह औद्योगिक एवं विकास मेला अपनी एक अलग पहचान रखता है. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन पर शुरू होने वाले इस ऐतिहासिक मेले में उत्तराखण्ड के विकास से जुड़ी विभिन्न संस्कृतियों का इस मेले में खुलकर प्रदर्शन किया जाता है. साथ ही कृषि, वागवानी, फलोद्यान, रेशम कीटपालन, साक्षरता, हथकरघा उद्योग, नवीन वैज्ञानिक तकनीकियों का प्रदर्शन, महिला उत्थान योजनाएँ, ऊनी वस्त्रं का प्रदर्शन एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा उत्पादित विभिन्न प्रकार की सामग्री भी इस मेले के माध्यम से प्रत्येक जनमानस तक पहुँचाने का प्रयास करती है. ढोलक की थाप पर विरकती बालाएँ गढ़वाली व कुमाऊँनी गीतों के माध्यम से जन-जन तक संस्कृति के विकास का संदेश देते कलाकार, कवि सम्मेलन विकास की यात्रा से जनमानस को जाग्रत करने का प्रयास करते हैं. सन् 1943 में गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर बर्नेडी ने इस मेले का शुभारम्भ किया था. उस समय इसका उद्देश्य सीमान्त क्षेत्रवासियों को क्रय-विक्रय का एक मंच उपलब्ध कराना था. तिब्वत के व्यापारी अनेक व्यापारिक वस्तुएँ यथा नमक, ऊन, सुहागा, जड़ी-वूटी, कस्तूरी व शिलाजीत लाकर बेचते थे. साठ के दशक में भारत-चीन सम्बन्ध विगड़ने के कारण यह व्यापार भी प्रभावित हुआ. गोचर चमोली जिले का ऐतिहासिक व सांस्कृतिक केन्द्र रहा है. यहाँ प्रकृति द्वारा प्रदत्त विशाल मैदान है. जहाँ लाखों की संख्या में लोग भाग ले सकते हैं. सन् 1935-1938 तक दिल्ली की एक संस्था 'हिमालयन एयरवेज लिमिटेड' द्वारा गोचर तक यात्री वायु सेवा संचालित की जाती थी. जनश्रुति के अनुसार पहले गोचर मैदान की भूमि आबाद थी. बद्रीनाथ यात्रा से लौटकर तत्कालीन महारानी ने भू-स्वामियों को उनकी भूमि का मूल्य देकर उक्त मैदान को चरागाह रूप में प्रयुक्त करने की स्वीकृति दी. इसलिए इस स्थान को गोचर के रूप में जाना जाता है, आज यह मेले के रूप में बदल गया है,
ये भी पढें
- उत्तराखंड की भौगोलिक संरचना
- उत्तराखंड की जलवायु
- उत्तराखण्ड में नदियाँ
- उत्तराखण्ड की मिट्टियाँ
- उत्तराखण्ड में प्राकृतिक बनस्पति एवं वनों का वितरण
- उत्तराखंड पर्यावरण सुरक्षा योजना
- उत्तराखंड का इतिहास
- स्वतंत्रता आन्दोलकन में उत्तराखंड की भूमिका
- उत्तराखण्ड संघर्ष का सफरनामा
- पृथक उत्तराखंड के संघर्ष का इतिहास
- उत्तराखंड की शासन प्रणाली
- उत्तराखंड - औद्योगिक एवं कृषि अर्थव्यवस्था
- उत्तराखंड में ऊर्जा संसाधन
- उत्तराखंड में शिक्षा और शैक्षिक संस्थान
- उत्तराखंड में परिवहन के साधन
- उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियां व अनुसूचित जनजातियों के लिए संवैधानिक संरक्षण
- उत्तराखंड विविध विकास योजना व आर्थिक कार्यक्रम
- उत्तराखंड : वन्य जीव, राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव विहार
- उत्तराखंड जनस्वास्थ्य, नीतियां एवं उपलब्धियां
- उत्तराखंड में सहकारिता आंदोलन
- उत्तराखंड पर्यटन नीति
- उत्तराखंड के प्रशिद्ध बुग्याल
- उत्तराखंड के प्रमुख पर्व एवं मेले
- उत्तराखंड की विविध कलाएं : वास्तुकला, मूर्तिकला एवं मंदिर
- उत्तराखंड के लोक संगीत, लोक निर्त्य,लोक कलाएं
- उत्तराखण्ड : ललित कलाएँ
- उत्तराखंड में चित्रकारी
- उत्तराखंड के प्रमुख गीत व संस्कार
- उत्तराखंड की भाषा , छेत्रिय भाषा , बोली
- उत्तराखण्ड का लोकसाहित्य
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं पार्ट 2
- उत्तराखंड की ऐतिहासिक विभूतियाँ एवं विविध गतिविधियों से जुडे शिखर पुरुष एवं महिलाएं पार्ट 3
- गढ़वाली शादियों में गालियां ओर मांगलिक गीत
यहाँ पढ़ें
- कंप्यूटर ज्ञान
- जीव विज्ञान
- भौतिक विज्ञान
- रसायन विज्ञान
- भूगोल
- इतिहास
- उत्तराखंड सामान्य ज्ञान
- करंट अफेयर
- भारतीय फौज के बहादुरों की कहानी
- धार्मिक स्थल
- दर्शनीय स्थल
- उत्तराखंड समाचार
- उत्तराखंड की फोटो
- नई शिक्षा निति
- भरतु की ब्वारी के किस्से - नवल खाली
- ACTRESS PHOTO
- UTTRAKHAND PHOTO GALLERY
- UTTRAKHANDI VIDEO
- JOB ALERTS
- FORTS IN INDIA
- THE HINDU NEWS IN HINDI
- उत्तराखंड से सम्बंधित अन्य कोई भी जानकारी (euttra.com)
Follow Us